मुजफ्फरपुर में मुखिया ने दो किमी रास्ते के लिए जमीन देकर बनवाई सड़क

ग्रामीणों की परेशानी मुखिया से देखी नहीं गई और उन्होंने दो किमी सड़क के लिए अपनी जमीन दान देकर एक मिसाल बनाई। समस्या मुशहरी प्रखंड की राजवाड़ा पंचायत के उन चार गांवों की जहां बरसात के दिनों में चार माह तक आवागमन बाधित हो जाता है।

By Ajit kumarEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 08:49 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 08:49 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में मुखिया ने दो किमी रास्ते के लिए जमीन देकर बनवाई सड़क
जमीन को राज्यपाल के नाम निबंधित कराना जरूरी होगा।

मुजफ्फरपुर, जासं। संपर्क पथ की चाह में न जाने किस-किस का दरवाजा खटखटाया, कार्यालयों की लंबी दौड़ लगाई, लेकिन सभी जगह से आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। ग्रामीणों की परेशानी मुखिया से देखी नहीं गई और उन्होंने दो किमी सड़क के लिए अपनी जमीन दान देकर एक मिसाल बनाई। समस्या मुशहरी प्रखंड की राजवाड़ा पंचायत के उन चार गांवों की जहां बरसात के दिनों में चार माह तक आवागमन बाधित हो जाता है। ये गांव टापूू बन जाते थे। नाव ही मात्र सहारा होता था। अब मुखिया की पहल से आधा दर्जन गांव के लोगों के जीवन में खुशियां आ गईं हैं। 

मनरेगा से शुरू हुआ निर्माण

मुखिया जयंती देवी व उनके पति समाजसेवी शिवनाथ राय ने दो किमी रास्ते के लिए अपनी जमीन दान में दे दी। अब ग्रामीणों की सुविधा के लिए मनरेगा योजना से सड़क निर्माण भी शुरू हो गया है। वाली जमीन आम लोगों के चलने के लिए दान देकर उस पर चलने लायक मनरेगा योजना से सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया है। मुखिया ने बताया कि पूर्व विधायक ने इस पथ को सरकारी स्तर से बनवाने के लिए कई बार विधानसभा में आवाज भी उठाई। विभागीय कर्मियों ने कई बार स्थल पर आकर मापी भी की, डीपीआर तैयार कर सरकार को भेजा, लेकिन किसी योजना से इस पथ की स्वीकृति नहीं मिली।

करोड़ों है जमीन की कीमत

ग्रामीणों ने बताया कि मुखिया द्वारा सड़क के लिए जितनी जमीन दी गई है, उसका बाजार मूल्य करोड़ों में है। लोगों की समस्या देख इतना बड़ा भूखंड दान देना निश्चिय ही एक साहसिक पहल व मिसाल है।

मुखिया के कार्यों की सराहना

इस पथ पर मिट्टी भराई चल रही है। मिट्टी भी मुखिया अपनी ही जमीन से दे रहे हैं। स्थानीय जयप्रकाश नारायण यादव, डॉ. सुबोध कुमार सुमन, फुदेनी सहनी, राधारमण मंडल, राजकुमार सहनी, सत्यनारायण सहनी, ओमप्रकाश सहनी, उमेश सहनी आदि ने मुखिया के इस कार्य की सराहना की है। कहा कि आजादी के बाद सभी जगह विकास की किरण पहुंची, मगर यह क्षेत्र काफी पिछड़ा था। अब इस क्षेत्र का भी विकास होगा।

दुल्हन को भी जाना पड़ता था पैदल

पहले यहां किसी की शादी में वाहन नहीं पहुंच पाता था। यहां तक कि दुल्हन को भी डेढ़ से दो किमी पैदल पगडंडी होकर जाना पड़ता था। रात्रि में किसी की तबीयत खराब होने पर रात भर सुबह होने का इंतजार करना पड़ता था। इसी दौरान कई लोगों की जान भी जा चुकी है।

छह हजार की आबादी होगी लाभांवित

राजवाड़ा पंचायत के राजवाड़ा भगवान, राजवाड़ा डीह, धोबहा, पीर महमदपुर, रौशनपुर, चक सलेम एवं बूढ़ी गंडक पार के मुकुंदपुर व मानिकपुर के लोग सड़क बन जाने से लाभांवित होंगे। इन गांवों की करीब छह हजार की आबादी के जीवन में अब खुशियां आने ही वाली है।

दो एकड़ 51 डिसमिल जमीन दी दान

मुखिया पति शिवनाथ यादव ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए उन्होंने दो एकड़ 51 डिसमिल जमीन दी है। राज्यपाल के नाम जमीन रजिस्ट्री करने में कुछ समय लगता है। तत्कालीन व्यवस्था के तहत एक हजार रुपये के स्टांप पर मजिस्ट्रेट के समक्ष शपथ पत्र दाखिल किया है। जल्द ही राज्यपाल के नाम जमीन निबंधित कर देंगे। सीओ, मुशहरी सुधांशु शेखर ने कहा कि ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए तत्कालीन व्यवस्था के तहत दान की गई निजी जमीन पर सड़क बनाई जा सकती है। भविष्य में जमीन पर कोई विवाद न हो, इसके लिए जमीन को राज्यपाल के नाम निबंधित कराना जरूरी होगा। 

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