मुजफ्फरपुर में डीआरआइ की संयुक्त छापेमारी में सोना के साथ पांच और पकड़ाए

Muzaffarpur News गायघाट मैठी टोल प्लाजा के पास कार से पकड़े गए तीन तस्करों की निशानदेही पर चल रही कार्रवाई जब्त कार असम की निकली मालिक का पता लगाकर नकेल की चल रही कवायद एक साथ विशेष टीम दिल्ली यूपी और भोपाल समेत कई जगहों पर कर रही संयुक्त छापेमारी।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 02:11 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 02:11 PM (IST)
मुजफ्फरपुर में डीआरआइ की संयुक्त छापेमारी में सोना के साथ पांच और पकड़ाए
मुजफ्फरपुर में पकड़े़ गए तस्‍करों पर नकेल कीे कावयद। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

मुजफ्फरपुर, जासं। राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआइ) और कस्टम के संयुक्त कार्रवाई में पकड़े गए सोना तस्करी में शामिल तीनों आरोपितों से पूछताछ में कई बातों की जानकारी मिली है। जांच प्रभावित होने से आधिकारिक रूप से विशेष कुछ नहीं बताया जा रहा। बताते हैैं कि मुजफ्फरपुर के गायघाट मैठी टोल प्लाजा से पकड़े गए दिल्ली व यूपी के तस्करों से अंतरराज्यीय बड़े सिंडिकेट का पता चला है। इसके बाद एक साथ डीआरआइ की विशेष टीम दिल्ली, बिहार, यूपी व एमपी में संयुक्त रूप से छापेमारी कर रही है। सूचना है कि इस दौरान विशेष टीम को दिल्ली से 30 सोने के बिस्कुट मिले हैं। साथ ही पांच आरोपितों को भी पकड़ा गया है। इन सभी से पूछताछ कर इसमें शामिल तस्करों पर नकेल कसने की कवायद चल रही है।

भोपाल से चार करोड़ मिले 

भोपाल में दो युवकों के पास से चार करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं। कहा जा रहा कि ये रुपये सोने की तस्करी के हैं। दोनों से पूछताछ कर अभी जांच चल रही है। टीम को आशंका है कि ये रुपये तस्करी से लाए गए सोने के बिस्कुट बेचने के बाद मिले हैं। बता दें कि इस कार्रवाई के बाद दिल्ली स्थित डीआरआइ मुख्यालय से मुजफ्फरपुर टीम को अलर्ट किया गया है।

तस्करी में शामिल कई वाहनों के मिले नंबर 

तस्करी में शामिल कार के अलावा और कई वाहनों के नंबर मिले हैं, जिनसे सोने की तस्करी हो रही है। कहा गया कि इस तस्करी में यूपी का ही मुख्य तस्कर शामिल है। इसके इशारे पर पूरा काम हो रहा है। इधर, मुजफ्फरपुर डीआरआइ व कस्टम की संयुक्त कार्रवाई में गायघाट मैठी टोल प्लाजा से सोने की तस्करी में जब्त की गई कार असम नंबर की बताई गई है। बता दें कि कार के इंजन से 35 बिस्कुट बरामद किए गए थे। इनकी कीमत तीन करोड़ रुपये आंकी गई थी। जांच में पता चला कि असम के कामरूप डीटीओ कार्यालय से कार का रजिस्ट्रेशन है। वहां से मिली जानकारी के आधार पर उसके मालिक का पता लगाया जा रहा है।

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