मधुबनी की वासुदेवपुर पंचायत में चुनाव का परिणाम घोषित होते ही नलों से पानी आना बंद

निवर्तमान मुखिया व वार्ड सदस्यों के चुनाव में हारने के साथ ही नल से पानी टपकना हुआ बंद। सरकारी योजना के तहत लगाए गए पौधों की सिंचाई के लिए गाड़ा गया चापाकल भी हुआ गायब। लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 11:27 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 01:38 PM (IST)
मधुबनी की वासुदेवपुर पंचायत में चुनाव का परिणाम घोषित होते ही नलों से पानी आना बंद
खुटौना प्रखंड के 14 में पांच वार्डों में नल-जल योजना से हो रही थी जलापूर्ति।

मधुबनी, जासं। पंचायत चुनाव का दौर जारी है। जिले के नौ प्रखंडों में मतदान हो चुके हैं। इनमें से छह प्रखंडों के परिणाम भी घोषित हो चुके हैं। चुनाव परिणाम आने के साथ ही इसका प्रभाव भी कई क्षेत्रों में देखने को मिलने लगा है। जिन प्रखंडों में जनता ने पुराने चेहरों को नकार दिया, वहां इसका असर अब लोगों पर पड़ने लगा है। ऐसा ही एक मामला जिले के खुटौना प्रखंड में सामने आया है। यहां चुनाव के नतीजे आने के साथ ही नल-जल योजना के तहत लगाए गए नलों से पानी आना बंद हो गया।

नल-जल योजना में गड़बड़ी को लेकर प्रखंड में सर्वाधिक चर्चित रहे प्रखंड की वासुदेवपुर पंचायत के 14 वार्डों में से सिर्फ पांच वार्डों (वार्ड तीन, पांच, आठ, 12 व 13) में आंशिक रूप से जलापूर्ति हो रही थी। पंचायत के वार्ड पांच धर्मपुर निवासी अमरेन्द्र यादव बताते हैं कि विगत 10 अक्टूबर को चुनाव परिणाम घोषित होने तथा निवर्तमान मुखिया एवं वार्ड सदस्यों के पराजित घोषित होने के साथ ही जिन गिने-चुने वार्डों में आंशिक रूप से जलापूर्ति हो रही थी, वहां नलों में पानी आना बंद हो गया है। उनके अनुसार पंचायत के वार्ड पांच धर्मपुर की सीमा पर सरकारी योजना के तहत लगाए पौधों की सिंचाई के लिए जो चापाकल गाड़ा गया था और जिससे लोग नहाते-धोते भी थे, उसे भी निवर्तमान पराजित मुखिया ने खोलकर अपने घर में रख लिया है। जलापूर्ति बन्द हो जाने के सवाल पर नवनिर्वाचित मुखिया गीता देवी के पति योगेन्द्र साह ने कहा कि नवनिर्वाचित मुखिया के शपथ ग्रहण एवं कार्यभार संभालने के बाद ही कुछ किया जा सकता है। कहा कि पंचायत में जहां पेयजल का संकट उत्पन्न हो गया है, उसका सभी मिलकर तात्कालिक हल निकालेंगे।

chat bot
आपका साथी