पूर्वी चंपारण में शहर से लेकर गांव तक कोरोना गाइडलाइन फेल, बढ़ता जा रहा संक्रमण

Bihar News विशेषज्ञों की माने तो ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा काफी बढ़ गया है। बाजारों में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं किया जा रहा है। कपड़ा दुकानों के साथ ही किराना दुकानों पर फिजिकल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ते आसानी से देखी जा सकती है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 12:41 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 12:41 PM (IST)
पूर्वी चंपारण में शहर से लेकर गांव तक कोरोना गाइडलाइन फेल, बढ़ता जा रहा संक्रमण
मोत‍िहारी में गाइडलाइन का पालन करने की वजह से बढ़ा कोरोना संक्रमण का खतरा।

पूर्वी चंपारण, जासं। सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन जिले के शहरी व ग्रामीण दोनों इलाकों में फेल होता जा रहा है। प्रशासन के मूकदर्शक बने रहने के कारण कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता दिख रहा है। यह स्थिति तब है जब एक बार फिर से कोरोना ने अपना प्रचंड प्रहार शुरू कर दिया है। कोरोना के नए स्ट्रेन से युवा व बच्चे भी गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं। जबकि जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के बाजारों में लोग बिना मास्क के तफरीह कर रहे हैं।

विशेषज्ञों की माने तो ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा काफी बढ़ गया है। बाजारों में फिजिकल डिस्टेंङ्क्षसग का पालन भी नहीं किया जा रहा है। कपड़ा दुकानों के साथ ही किराना दुकानों पर फिजिकल डिस्टेंङ्क्षसग की धज्जियां उड़ते आसानी से देखी जा सकती है। न तो इस मामले में व्यापारी को कोई भय है और न ही ग्राहक सतर्कता बरतना चाहते हैं। जिला मुख्यालय सहित जिले के विभिन्न हिस्सों में स्थित हाट बाजारों में लोगो का जमावड़ा कोरोना संक्रमण को आमंत्रण देता प्रतीत होता है।

शहर के बलुवा, छतौनी, जानपुल, स्टेशन सहित अन्य सभी सब्जी बाजारों में कोरोना से बचाव को जारी किए गए गाइडलाइन्स का खुलेआम मखौल उड़ाया जा रहा है। ग्राहक हो या दुकानदार दोनों ही लापरवाही बरत रहे हैं। इन सब्जी मंडियों में पहुंचने वाले अधिकतर लोग न तो मास्क लगाते हैं व न ही शारीरिक दूरी जैसे नियमो का ही पालन करते हैं। सुप्रसिद्ध सर्जन डॉ. उमर तबरेज के संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाना सबसे मुफीद है। जब भी घर से बाहर जाएं मास्क लगाना नही भूलें। खासकर भीड़भाड़ वाले जगहों पर मास्क नही लगाना सीधे सीधे संक्रमण को आमंत्रण देने के जैसा है। डॉ. कुमार की मानें तो शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने के साथ ही मास्क लगाना अनिवार्य है। क्योंकि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से कोरोना वायरस फैलने का खतरा पैदा हो सकता है। मास्क लगाने के बाद आपके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की गुंजाइश नहीं के बराबर होगी। वहीं, मास्क लगाने के दौरान यह भी ध्यान देना जरूरी है कि एक मास्क 6 घंट से अधिक नहीं लगाएं। मास्क उपलब्ध नहीं हो तो रूमाल भी मुंह पर लगाया जा सकता है।

बाहर से आनेवाली बसों व प्राइवेट गाडिय़ों की मुकम्मल जांच की व्यवस्था नहीं

लॉकडाउन के भय से दूसरे प्रदेश में काम करने वाले प्रवासी श्रमिक बस, प्राइवेट गाड़ी और ट्रेन द्वारा सभी घर आ रहे हैं। मगर स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों को छोड़कर किसी की भी मुकम्मल जांच की कोई व्यवस्था नहीं दिख रही है। स्टेशन पर कोरोना जांच एंटीजन किट से जरूर हो रही है। लेकिन बसों से उतरने वाले यात्री सीधे अपने घरों को रवाना हो रहे हैं। उन्हें स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा होम आइसोलेट करने की भी व्यवस्था नहीं की जा रही है। इससे ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। स्वास्थ्य विभाग सिर्फ संक्रमितों को ही होम आइसोलेट कर रहा है। जबकि बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के कारण जिले में खतरा बढऩे की आशंका जताई जा रही है। मुंबई और दिल्ली से आने वाली ट्रेनों में कई यात्री कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। यही कारण है कि जिले के हालात दिन व दिन बदतर ही होते जा रहे हैं।

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