Tejaswi-Kanhaiya बिहार विधानसभा उपचुनाव 2021 में होंगे आमने-सामने, मजा आएगा..बहुत मजा आएगा..
कन्हैया 2019 के लोकसभा और 2021 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी के क्रमश खिलाफ-साथ रहे लेकिन जनता को वह मंजर नहीं देखने को मिला जिसकी अपेक्षा थी। कन्हैया के कांग्रेसी होने के बाद पार्टी के तेवर को देखते हुए लग रहा है कि इस बार कुछ होगा।
मुजफ्फरपुर, आनलाइन डेस्क। शुरुआत सवाल से। बिहारियों के लिए राजनीति क्या है? इसके दर्जनों जवाब हो सकते हैं, लेकिन फिलहाल हमलोग इसके केवल एक पहलू की बात करेंगे। मनोरंजन का सस्ता, सुलभ और टिकाऊ साधन। अागामी 30 अक्टूबर 2021 को केवल दो सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं, किंतु सूबे की सियासत के सभी रंग इसमें नजर आ रहे हैं। जनता इसके पूरे मजे ले रही है। त्योहार के इस मौसम में मनोरंजन का भरपूर मसाला मिल रहा है। चुनाव प्रचार के मैदान में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के सुपुत्र और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव व जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष तथा हाल में ही सीपीआइ से कांग्रेस में शामिल हुए कन्हैया कुमार के आमने-सामने होने की खबर से लोग खुश हैं। न केवल तारापुर और कुशेश्वरस्थान की जनता वरन पूरे राज्य के लोग। कुछ मजा आएगा..बहुत मजा आएगा.. कहते नजर आ रहे तो कुछ उधार का डायलाग मार रहे, मोगैंबो खुश हुआ। यदि सबकुछ आशा के अनुसार ही हुआ तो ऐसी संभावना है कि दरभंगा के कुशेश्वरस्थान में दोनों नेता आमने-सामने हो सकते हैं।
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जेएनयू विवाद से ख्यात होने के बाद कन्हैया कुमार 2019 के लोकसभा चुनाव और 2021 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव के क्रमश: खिलाफ और साथ रहे, लेकिन जनता को वह मंजर नहीं देखने को मिला जिसकी उन्हें अपेक्षा थी। सीपीआइ से कन्हैया के कांग्रेस में शामिल हो जाने के बाद पार्टी के तेवर को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि इस बार वो कुछ देखने को मिल सकता है, जिसकी अपेक्षा लोगों को है। दरअसल, कन्हैया अभी तक पीएम नरेंद्र मोदी विरोधी भाषण देकर सुर्खियां बटोरते रहे हैं। बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद की शैली और उनपर लगे आरोपों के बीच खुद के लिए जगह बनाने की कोशिश कर रहे तेजस्वी यादव के खिलाफ कन्हैया का क्या स्टैंड होगा, यह सभी जानना चाह रहे हैं। कुशेश्वरस्थान के श्याम स्नातक के छात्र हैं। कहते हैं, नेताओं ने तो क्षेत्र की जनता को बहुत निराश किया है। यहां की समस्याओं को लेकर किसी ने भी गंभीरता नहीं दिखाई है। इस बार की बाढ़ ने जनता के जख्मों को हरा कर दिया है। खैर, ये बातें तो अपनी जगह हैं, लेकिन इस बार चुनाव के दौरान बहुत मजा आने वाला है। कोई शक।