दरभंगा राज की ऐतिहासिक चौरंगी जंजीरों में कैद, मिथिला विवि ने जड़ा ताला

Darbhanga News वर्षों से चौरंगी के गेट में जड़े है ताले। आमलोगों की बढ़ी परेशानी। एकरारनामे के मुताबिक चौरंगी नहीं है मिथिला विवि की प्रोपर्टी। श्रद्धालुओं को धार्मिक स्थल जाने में हो रही परेशानी। लोगों को तीन किलोमीटर करना पड़ रहा सफर।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 06:34 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 06:34 PM (IST)
दरभंगा राज की ऐतिहासिक चौरंगी जंजीरों में कैद, मिथिला विवि ने जड़ा ताला
राजघराने के भवन का उपयोग मिथिला विवि को करने की बात एकरारनामा में दर्ज है।

दरभंगा, { विभाष झा}। राज परिवार व इससे जुड़े लोगों की सुविधा के लिए तैयार दरभंगा राज घराने का चौरंगी आज कैद है। चौरंगी के चारों ओर लगे लोहे के गेट पर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ने अपना ताला जड़ दिया है। इसके कारण चौरंगी में आम लोगों का प्रवेश बंद हो गया है। खास मौके पर ही विवि प्रशासन गेट को खोलता है। उसके बाद फिर से ताला जड़ दिया जाता है। यह सिलसिला पिछले पांच-छह वर्षों से है। इसका कारण यह हैं कि मिथिला विवि प्रशासन इसे अपनी निजी संपत्ति मानता है। लेकिन, जानकार बताते है कि इससे संबंधित दस्तावेज मिथिला विवि प्रशासन के पास है ही नहीं।

दरभंगा राजघराने और मिथिला विवि के तत्कालीन कुलपति के बीच हुए समझौते के मुताबिक, राज परिवार में इस चौरंगी का जिक्र ही नहीं किया गया है। मात्र राजघराने के भवन का उपयोग मिथिला विवि को करने की बात एकरारनामा में दर्ज है। उस वक्त राजघराने के सचिवालय जाने और राजकिला स्थित महारानी के महल में जाने के लिए यह रास्ता बनाया गया था। जो बाद के दिनों में आमलोगों के लिए खोल दिया गया। यह चौरंगी सार्वजनिक घोषित है। वर्षों से इस रास्ता से होकर आम लोग आवाजाही किया करते थे।

आम लोग इस रास्ते का प्रयोग धार्मिक स्थल मां श्यामा काली मंदिर एवं राज परिसर में आने-जाने के लिए करते रहे है। लेकिन, विवि प्रशासन की मनमानी के कारण इसके बंद कर दिए जाने के बाद आम लोगों में आक्रोश है। लोगों का कहना हैं कि मां श्यामा मंदिर व राज परिसर आने के लिए दो से तीन किलोमीटर की दूरी तय करने की विवशता है। पहले लोग आराम से पैदल मां व राज परिसर में दाखिल हो जाते थे। वहीं, विवि प्रशासन के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि इस संबंध में विवि प्रशासन को कई बार सुझाव दिया गया कि वे चौरंगी के तीन तरफ के गेट को आम लोगों के लिए खोल दे। मात्र विवि परिसर की ओर आने वाले रास्ता पर लगी गेट को आम लोगों के लिए बंद कर दे। इसपर निर्णय भी लिया जा चुका था। लेकिन, अब तक इस दिशा में अंतिम सहमति नहीं बन पाई है। यदि इसपर विवि प्रशासन निर्णय ले तो यह आम लोगों के हित में लिया फैसला होगा।

संगीत व नाट्य विभाग भवन पर भी है विवाद

इंद्र भवन मैदान के पश्चिम स्थित विवि का संगीत व नाट्य विभाग पर भी लंबे समय से विवि प्रशासन और दरभंगा राजघराने के बीच विवाद चल रहा था। कोर्ट की ओर से बाद के दिनों में राजघराने के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद इसे खाली कराने की प्रशासनिक कवायद की गई। मजिस्ट्रेट की बहाली के बाद भी किन्हीं कारणों से इस भवन को विवि प्रशासन की ओर से खाली नहीं कराया गया। यह मामला आज भी लटका हुआ है।

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