आइजी ने पूछा-गांधी जी को सबसे पहले किसने कहा राष्ट्रपिता

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एलएस कॉलेज कैंपस में आयोजित चित्र प्रदर्शनी में शुक्रवार को आइजी गणेश कुमार ने बच्चों की हौसला आफजाई की और उनका मार्गदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Oct 2019 01:56 AM (IST) Updated:Sat, 19 Oct 2019 01:56 AM (IST)
आइजी ने पूछा-गांधी जी को सबसे पहले किसने कहा राष्ट्रपिता
आइजी ने पूछा-गांधी जी को सबसे पहले किसने कहा राष्ट्रपिता

मुजफ्फरपुर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एलएस कॉलेज कैंपस में आयोजित चित्र प्रदर्शनी में शुक्रवार को आइजी गणेश कुमार ने बच्चों की हौसला आफजाई की और उनका मार्गदर्शन किया। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के लोक संपर्क एवं संचार ब्यूरो के तत्वावधान में पांच दिवसीय दिवसीय डिजिटल चित्र प्रदर्शनी आयोजित किया गया है। आयोजन का मकसद गांधी जी को अधिक से अधिक जानने और मानने के लिए किया गया है। आइजी ने इसी मकसद से छात्र-छात्राओं से कई प्रश्न पूछे। उनका पहला प्रश्न था-'महात्मा गाधी को सर्वप्रथम राष्ट्रपिता किसने कहा था?' इस प्रश्न पर कई हाथ उठे, लेकिन सही जवाब लंगट सिंह महाविद्यालय के बीएमसी की छात्रा रूचि सिन्हा ने दिया। उनका जवाब था, नेताजी सुभाष चंद्र बोष। पुलिस महानिरीक्षक ने दूसरा प्रश्न किया कि महात्मा गाधी का जन्म कब हुआ था? इस प्रश्न के पूछते ही अधिकतर ने हाथ उठाया लेकिन एक बच्चे ने ही उसका जवाब दे दिया। 'साई मिलेनियम' स्कूल के 5वीं कक्षा के उस छात्र प्रभाष के साथ आइजी ने रुचि को भी आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. केके कौशिक व स्वागत प्रचार अधिकारी जावेद अंसारी ने किया। प्राचार्य प्रो. ओपी राय ने भी बच्चों का मार्गदर्शन किया।

बापू को जितना पढ़ेंगे उतना अधिक समझेंगे

आइजी ने उपस्थित बच्चों और प्रदर्शनी देखने आए दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा गाधी के जीवन के महत्वपूर्ण तिथियों पर आधारित यह प्रदर्शनी सराहनीय है। बापू के बारे में हम सब किताबों में पढ़ते हैं, लेकिन इस प्रदर्शनी में डिजिटली उनको देख-सुन रहे हैं इससे सबको फायदा होगा। गाधी जी की कथनी व करनी में फर्क नहीं था। जबतक वह स्वयं प्रयोग नहीं कर लेते तबतक दूसरों को कुछ करने को नहीं बोलते थे। गाधी जी जीवन के हर पहलू पर लिखते थे चाहे वह समाज हो, राजनीति हो अथवा पर्यावरण सभी विषयों पर बहुत लिखा सौ साल पहले जलवायु परिवर्तन पर उन्होंने लिखा जिस पर आज दुनिया बात कर रही है। गाधी जी के विचारों को समझने के लिए खूब पढ़ना चाहिए और उनको जीवन में अपनाना चाहिए।

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