अगर आपके जानने वाले विदेश से लौट रहे हैं तो यह सूचना आपके लिए जरूरी है

विदेश से आनेवाले लोग रहेंगे 14 दिनों तक रहेंगे क्वारंटाइन । ओमिक्रोन को लेकर सिविल सर्जन ने सभी पीएचसी के प्रभारियों को दिए निर्देश हवाई अड्डा व रेलवे स्टेशन पर टीम की निगरानी के लिए नोडल पदाधिकारी तैनात।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 10:06 AM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 10:06 AM (IST)
अगर आपके जानने वाले विदेश से लौट रहे हैं तो यह सूचना आपके लिए जरूरी है
दरभंगा स्टेशन पर तीन शिफ्ट में स्वास्थ्य कर्मियों को लगाया गया है। फाइल फोटो

दरभंगा, संस। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर जिले में अलर्ट है। जिले में इससे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। सिविल सर्जन डा. अनिल कुमार ने इस सिलसिले में अधीनस्थों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। बताया कि विदेश से आनेवाले लोगों की जांच होगी। संबंधित लोगों को चौदह दिनों तक क्वारंटाइन में रहना होगा। एयरपोर्ट पर दो मेडिकल आफिसर को विशेष टीम के साथ तैनात किया गया है। वहीं दूसरी ओर दरभंगा स्टेशन पर तीन शिफ्ट में स्वास्थ्य कर्मियों को लगाया गया है।

कोई भी व्यक्ति देश के बाहर से आता है तो उनकी आरटीपीसीआर जांच की जाएगी। इस व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं। एयरपोर्ट पर नोडल अधिकारी एसीएमओ डा सुधांशु शेखर झा और दरभंगा स्टेशन पर सदर स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डा. उमाशंकर प्रसाद नोडल पदाधिकारी के रूप में तैनात किए गए हैं। वहीं जिला स्कूल के नोडल अधिकारी मलेरिया विभाग पदाधिकारी डा. जयप्रकाश महतो को बनाया गया है। सभी स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारियों को निर्देश दिया है कि ग्रामीण इलाकों में खासकर जहां फर्स्ट डोज करोना की वैक्सीन लग गई है। वहां जांच कर दूसरा डोज नहीं लेनेवालों का टीकाकरण किया जाए। 

खाद-बीज की कालाबाजारी ने किया बेदम

मनियारी (मुजफ्फरपुर), संस : बाढ़ व बारिश से त्रस्त किसानों की समस्याएं बढ़ती जा रहीं हैं। खरीफ से वंचित किसान अब रबी की तैयारी में हैं, लेकिन खाद-बीज की कालाबाजारी ने उन्हें बेदम कर दिया है। वहीं, अधिकारियों की उपेक्षा ने किसानों को मायूस कर दिया है। किसानों का कहना है कि मु_ी भर लोगों को अनुदानित तेलहन-दलहन एवं गेहंू का बीज दिया जाता है। वहीं, उन्नत किस्म का बताकर नकली बीज किसानों को दिया जाता है। डीएपी, पोटाश, सल्फेट, फास्फेट और कीटनाशक दवाएं भी कालाबाजारी में बेची जा रही है। किसान दिनेश कुमार, पुनम देवी, चंदा कुमारी, दिलीप कुमार ठाकुर, अवधेश सहनी, पप्पू सिंह, उपेंद्र राय, शंकर कुशवाहा, भोला झा, रमेश कुमार, लक्ष्मण भगत, सुकदेव सहनी, मनोज निषाद, अरुण सिंह, उदय सिंह, भोला सिंह आदि ने मुख्यमंत्री से पत्राचार कर किसानों की समस्याओं के निपटारे का आग्रह किया है। इनका कहना है कि एक तो धान की फसल गई। वहीं, महंगे उर्वरक एवं गेहूं बीज खरीदना और तीसरी महंगाई की मार झेलना किसानों के लिए आत्महत्या करने के समान है। इधर, कुढऩी प्रखंड के मुरौल निवासी बीज विक्रेता अमरेश सिंह ने बताया कि किसानों की मांग के अनुसार खाद- बीज की आपूर्ति नहीं की जा रही है जिससे स्वत: मांग और कालाबाजारी बढ़ेगी। वहीं, कृषि पदाधिकारी बताते हैं कि जिले को मांग के अनुसार उर्वरक की आपूर्ति नहीं की गई है जिससे खाद की किल्लत रहेगी।

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