मुजफ्फरपुर के ये लोग यदि कर सकते हैं तो हर कोई सकता हैं, जानें इनका कमाल

शराबबंदी कानून से पहले देशी शराब एवं ताड़ी के व्यवसाय से जुड़े अत्यंत निर्धन परिवारों ने सतत जीविकोपार्जन योजना से खुशहाल की जिंदगी। जीविका के माध्यम से जिले के दस प्रखंडों के लगभग छह हजार गरीब परिवारों को रोजगार से जोड़ा गया।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 08:06 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 08:06 AM (IST)
मुजफ्फरपुर के ये लोग यदि कर सकते हैं तो हर कोई सकता हैं, जानें इनका कमाल
सतत जीविकोपार्जन योजना ने कई लोगों की जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया है।

मुजफ्फरपुर, [प्रेम शंकर मिश्रा]। मुशहरी की नरौली पंचायत के बिंदा की पिंकी देवी के पति विश्वनाथ पासवान राज्य में शराबबंदी कानून लागू होने से पहले देसी शराब और ताड़ी के व्यवसाय से जुड़े थे। इससे ही परिवार का भरण-पोषण होता था। एक हादसे में उनकी मौत से तीन बच्चों पर भरण-पोषण का संकट आ गया। आजीविका का कोई साधन नहीं होने के कारण पिंकी ने मजदूरी कर परिवार चलाने की कोशिश की। इससे बच्चों पर ध्यान नहीं दे पाती थी। दुख की इस घड़ी में उसे सतत जीविकोपार्जन योजना का संबल मिला। जीविका ग्राम संगठन की ओर से काम करने को प्रोत्साहित करते हुए उसे व्यापार संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। 20 हजार रुपये का सामान देकर पिछले वर्ष 20 सितंबर से पिंकी की दुकान की शुरुआत की गई। उसकी मेहनत और योजना की मदद रंग लाई। प्रतिदिन तीन सौ से चार सौ रुपये की आमदनी से परिवार की गाड़ी आगे बढ़ी। एसआइएफ की राशि से उसने अपना घर भी बना लिया है। अब पिंकी अपने बच्चों के सुखद भविष्य का सपना संजो रही है।

पिंकी से मिलती-जुलती कहानी मीनापुर के बिशनपुर पांडे गांव की कांति देवी की है। पति राजेश राम ने दूसरी शादी कर उसे छोड़ दिया। सतत जीविकापार्जन योजना के सहारे उसने खुद को आगे बढ़ाया। 20 हजार रुपये से श्रृंगार के सामान उपलब्ध कराए गए। प्रतिदिन तीन से चार सौ की आमदनी ने कांति की जिंदगी बदल दी। पति भी वापस आ गया। बचत की राशि से कांति ने उसे भी चाय व नाश्ते की दुकान खुलवा दी। अब सारा ध्यान एक बच्ची को पढ़ा लिखाकर आगे बढ़ाने पर है।

पिंकी और कांति जैसे जिले के करीब छह हजार परिवार की जिंदगी पटरी पर लौटी है। सतत जीविकोपार्जन योजना से अब तक दस प्रखंडों के 6704 अत्यंत निर्धन परिवारों को रोजगार के साधन उपलब्ध कराए गए हैं। इस महत्वाकांक्षी योजना को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने को लेकर जिलाधिकारी प्रणव कुमार इसकी लगातार समीक्षा कर रहे। पिछली समीक्षा में यह बात सामने आई कि देशी शराब एवं ताड़ी व्यवसाय से जुड़े दस प्रखंडों के 1502 परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराए गए। इसके अतिरिक्त 4423 अन्य अत्यंत निर्धन परिवारों को काम दिया गया। परियोजना प्रबंधक, जीविका, मुजफ्फरपुर अनिशा गांगुली कहती हैं कि सतत जीविकोपार्जन योजना अत्यंत निर्धन परिवारों के लिए वरदान साबित हो रहा है। अभी दस प्रखंडों के 6704 परिवारों को चिह्नित कर 5925 परिवारों को रोजगार से जोड़ा गया है। शेष छह प्रखंडों में सर्वे शुरू कर दिया गया है। यहां भी ऐसे परिवारों को योजना से जोड़कर उनकी ङ्क्षजदगी खुशहाल करने का प्रयास है।  

chat bot
आपका साथी