World rabies day: यदि कुत्ते ने काट लिया हो तो इधर-उधर भागने की जगह अपनाएं यह उपाय, बहुत हद तक कम हो जाएगी परेशानी
World rabies day काटे हुए स्थान को तुरंत साबुन व पानी से धोएं। भारत में प्रतिवर्ष करीब 20000 लोगों की मृत्यु रेबीज से हो जाती है। हर साल 28 सितंबर को मनाया जाता है विश्व रेबीज दिवस। कोरोना को लेकर इस बार सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता की तैयारी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। World rabies day: आम लोगों को रेबीज के प्रति जागरूक करने के लिए विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है। इससे भारत में प्रतिवर्ष करीब 20,000 लोगों की मृत्यु हो जाती है। जिले में इस साल अबतब 13223 लोगों को कुत्ते ने काटा। जानकारों के अनुसार यह दिवस फ्रांस के प्रसिद्ध रसायनज्ञ और सूक्ष्मजीवविज्ञानी लुई पाश्चर की पुण्यतिथि पर 28 सितंबर मनाया जाता है। उन्होंने पहला रेबीज टीका विकसित किया था और इसकी रोकथाम की नींव रखी। कुत्ते से ही नहीं अन्य जानवरों के काटने से भी रेबीज होने का खतरा होता है। यह वायरस से फैलने वाला गंभीर रोग है।
कोरोना को लेकर केवल जागरूकता
सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिह ने कहा कि रेबीज एक ऐसा वायरल इंफेक्शन है, जो आमतौर पर संक्रमित जानवरों के काटने से फैलता है। कुत्ते, बिल्ली, बंदर आदि कई जानवरों के काटने से इस बीमारी के वायरस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। ये वायरस पालतू जानवर के चाटने या खून का जानवर के लार से सीधे संपर्क में आने से भी फैल जाता है। यह जानलेवा रोग है। इसके लक्षण बहुत देर में नजर आते हैं। अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया जाए, जो यह रोग जानलेवा हो जाता है। उन्होंने कहा कि कोरोना को देखते हुए इस बार सोशल, इलेक्ट्रॉनिक व ङ्क्षप्रट मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा।
ऐसे करें बीमारी की पहचान
बोचहां पीएचसी के प्रभारी मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ.नवीन कुमार ने बताया कि अगर रेबीज से संक्रमित किसी बंदर या कुत्ते आदि ने काट लिया है तो तुरंत इलाज कराएं। काटे हुए स्थान को कम से कम 10 से 15 मिनट तक साबुन या डिटॉल से साफ करें। जितनी जल्दी हो सके वैक्सीन या एआरवी के टीके लगवाएं। यह टीका सभी स्वास्थ्य केंद्र पर मुफ्त मिलता है। इस बीमारी के मुख्य लक्षण बुखार, सिरदर्द, घबराहट या बेचैनी, व्याकुलता, भ्रम की स्थिति, खाना-पीना निगलने में कठिनाई, बहुत अधिक लार निकलना, पानी से डर लगना, नींद नहीं आना व शरीर के किसी एक अंग में पैरालिसिस यानी लकवा मार जाना हैं।
इन बातों का रखें ख्याल
- पालतू कुत्ते को इंजेक्शन लगवाएं।
- रेबीज से संक्रमित किसी कुत्ते या बंदर आदि के काटने पर इलाज में लापरवाही नहीं करें।
-घाव अधिक है तो उस पर टांके न लगवाएं।
-रेबीज के संक्रमण से बचने के लिए कुत्ते व बंदर आदि के संपर्क में न जाएं।
-कटे घाव पर मिट्टी, मिर्च, तेल आदि न लगाएं।