बाढ़ में नहीं मिली नाव तो युवक ने जुगाड़ से बना डाली मोटरबोट, एक लीटर में तय कर सकती इतनी दूरी, देखें VIDEO

समस्तीपुर के कल्याणपुर प्रखंड के बीटेक पास अमन ने जुगाड़ से किया निर्माण। पुरानी बाइक और दो ड्रम सहित अन्य सामान का किया इस्तेमाल। यह मोटरबोट एक लीटर में 20 मिनट या एक किलोमीटर तक।

By Murari KumarEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 09:27 AM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 05:59 PM (IST)
बाढ़ में नहीं मिली नाव तो युवक ने जुगाड़ से बना डाली मोटरबोट, एक लीटर में तय कर सकती इतनी दूरी, देखें VIDEO
बाढ़ में नहीं मिली नाव तो युवक ने जुगाड़ से बना डाली मोटरबोट, एक लीटर में तय कर सकती इतनी दूरी, देखें VIDEO

समस्तीपुर, [अंगद कुमार सिंह]। बागमती में आई बाढ़ में पूरा गांव घिर गया। नाव नहीं मिलने के चलते लोग फंसे हुए हैं। ऐसे में पीडि़तों की मदद के लिए कल्याणपुर प्रखंड के पूसा सैदपुर निवासी अमन पांडे ने जुगाड़ से मोटरबोट बना डाली। पुरानी मोटरसाइकिल सहित अन्य सामग्री का इस्तेमाल कर बनी इस नाव पर एक साथ चार लोग सवार हो सकते हैं। जहां जरूरत होती, इसे भेजते हैं।  जयपुर के निम्स से दो साल पहले बीटेक किए अमन पूसा में खेती संबंधी यंत्र बनाने का कारखाना चलाते हैं। इस कारण तकनीकी रूप से दक्ष हैं।

बाढ़ में नहीं मिली नाव तो समस्तीपुर के युवक ने बना डाली मोटरबोट, 20 हजार के खर्चे में तैयार किया जुगाड़ नाव... देखिए.. pic.twitter.com/uAkHT15Dke— Murari choudhary (@murari_139) August 4, 2020

इन चीजों का इस्तेमाल कर बनाया मोटेरबोट

गांव में आई बाढ़ में नाव की किल्लत देख उन्होंने एक सप्ताह पहले अपने कारखाने में मोटरबोट बनाने का निर्णय लिया। काफी सोच-विचार के बाद घर में पड़ी पुरानी मोटरसाइकिल, ड्रेनेज पाइप, प्लास्टिक के दो ड्रम, टरबाइन के लिए पंखे का इस्तेमाल किया। महज तीन दिन में ही उन्होंने इसका निर्माण कर डाला। इस पर कुल 20 हजार रुपये खर्च हुए। निर्माण के बाद इसका कई चरणों में परीक्षण किया। इस दौरान सुरक्षा को लेकर उसपर ट्यूब भी रखा, ताकि जरूरत पडऩे पर इसका इस्तेमाल किया जा सके। सभी मानकों पर जब उनकी बोट खरी उतरी तो इससे बाढ़ पीडि़तों को बिना शुल्क निकालने का काम शुरू किया। अब तक तकरीबन 150 लोगों को निकाल सुरक्षित स्थान पर पहुंचा चुके हैं।

कम से कम तीन फीट गहराई तक चाहिए पानी

यह मोटरबोट एक लीटर में 20 मिनट या एक किलोमीटर तक चलती है। बोट को चलने के लिए कम से कम तीन फीट की गहराई तक पानी चाहिए। पूसा प्रखंड प्रमुख रविता तिवारी, माले नेता अमित कुमार सहित अन्य का कहना है कि अमन का यह प्रयास बहुत ही सराहनीय है। इससे बाढ़ पीडि़तों को काफी मदद मिल रही। उन्हें आसानी से निकालने के साथ इससे जरूरी सामान भी पहुंचाया जा रहा है। लोग इसका फायदा उठा रहे हैं।

गौतम बुद्धा आइटीआइ दलसिंहसराय के निदेशक इं. अमित अभिषेक का कहना है कि अमन की बनाई मोटरबोट बाढ़ पीडि़तों के लिए काफी मददगार है। इसमें सुरक्षा के हर पहलू को ध्यान में रखा गया है। पीवीसी पाइप के साथ ड्रम का इस्तेमाल तो लोग बाढ़ में नाव की तरहपहले से करते हैं। लेकिन, उन्होंने बाइक का इस्तेमाल कर इसे चलाने में आसान कर दिया है।

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