अगर साइबर अपराधियों ने आपके या स्वजनों के पैसे उड़ाए हैं तो इस तरह पा सकते वापस

साइबर सेफ एप बना मददगार। साइबर सेल को मिलने लगी सफलता। ठगी करने वाले मोबाइल नंबर और राशि ट्रांसफर होने वाले खाते हो रहे फ्रिज।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 03:29 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 03:29 PM (IST)
अगर साइबर अपराधियों ने आपके या स्वजनों के पैसे उड़ाए हैं तो इस तरह पा सकते वापस
अगर साइबर अपराधियों ने आपके या स्वजनों के पैसे उड़ाए हैं तो इस तरह पा सकते वापस

दरभंगा, जेएनएन। जिला पुलिस साइबर अपराधियों पर नकेल कसने में कामयाब हुई है। साइबर सेफ एप्लीकेशन की मदद से दो पीडि़तों के खातों से उड़ाए गए रुपये वापस कर लिए गए हैं। इससे पहले भी पुलिस को दो मामलों में सफलता मिली थी। जिला साइबर सेल, आर्थिक अपराध इकाई और भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से इन मामलों की मॉनीटरिंग की जा रही है। इस एप्लीकेशन से सोशल साइट््स के माध्यम से किए अपराधों का भी खुलासा हुआ है।

अनुसंधान में काफी सफलता मिली

दो मामलों में मिली सफलता के बाद जिला पुलिस को अबतक 50 मामलों के अनुसंधान में काफी सफलता मिली है। जिसमें अंतिम निर्णय तक पहुंचने की उम्मीद है। वर्तमान में जिन दो मामलों में सफलता मिली है, उनमें 14 मई को बिरौल थाना में दर्ज कांड संख्या 136/20 और एक जुलाई को लहेरियासराय थाना में दर्ज कांड संख्या 324/20 है।

फेक फोन के माध्यम से उड़ाने की शिकायत

बिरौल के मामले में पीडि़त व घनश्यामपुर थाना क्षेत्र के कसरौल दक्षिणी निवासी अजय पोद्दार ने अपने खाते से लगभग 35 हजार रुपये फेक फोन के माध्यम से उड़ाने की शिकायत दर्ज कराई थी। साइबर सेल त्वरित कार्रवाई करते हुए पीडि़त के खाते में 8330 रुपये वापस कराने में कामयाब हो गया। शेष राशि वापस कराने की प्रक्रिया चल रही है।

एक दिन के अंदर ही सभी रुपये कराए

वहीं लहेरियासराय के मामले में पीडि़त व बेलबागंज मोहल्ला निवासी विकास पांडेय ने अपने खाते से 12 हजार 360 रुपये उड़ाने की शिकायत की थी। इसमें एक दिन के अंदर ही सभी रुपये खाते में वापस करा दिए गए। इससे पूर्व बिरौल थाना क्षेत्र के मजरगाही गांव निवासी अशोक मिश्र की पत्नी रेणु देवी ने 10 जनवरी को बहेड़ी में कांड संख्या 12/20 दर्ज कराई थी। इसमें उनके खाता से साइबर अपराधियों ने चार बार में 50 हजार 245 रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए थे। समय रहते साइबर सेल ने ठगी करने वाले मोबाइल नंबर और राशि ट्रांसफर होने वाले खातों को फ्रिज कर दिया था।

सोशल साइट््स पर भी कसा जा रहा नकेल

साइबर सेल की मदद से सोशल साइट््स पर अपराध करनेवालों पर नकेल कसा जा रहा है। दो दिन पहले जिले के कमतौल थानाक्षेत्र के सिरहुल्ली निवासी और साइकिल गर्ल के नाम से विख्यात ज्योति की झूठी मौत की खबर वायरल करने वाले को चिह्नित किया गया। इस आधार पर आरोपितों को पकडऩे के पुलिस की टीम भागलपुर में छापेमारी कर रही है। इससे पूर्व ऐसे मामलों में एक की गिरफ्तारी भी की गई है। लहेरियासराय थाना कांड संख्या 258/19 में एक पीडि़ता को फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर अश्लील तस्वीर और कॉमेंट करने की शिकायत की थी। इस मामले में सेल ने त्वरित कार्रवाई कर आरोपित को चिह्नित कर दिया। जिसमें पुलिस ने 31 दिसंबर 2019 को बहादुरपुर थानाक्षेत्र रघेपुरा निवासी शाकीर हसन को दबोच लिया और पूरे मामले को पर्दाफाश कर दिया।

पीडि़तों को बिना समय गंवाए करनी होगी शिकायत

साइबर सेफ एप्लीकेशन उन लोगों के लिए विशेष कारगर है, जो साइबर ठगों के झांसे में आकर जीवन भर की जमा पूंजी गंवा बैठते हैं। और तो और पढ़े-लिखे लोग भी इन ठगों के झांसे में आ जाते हैं। ऐसे में साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने साइबर सेफ एप्लीकेशन के माध्यम से जालसाजी करने वालों के मोबाइल नंबर को ब्लॉक करने और राशि ट्रांसफर होने वाले खातों को फ्रिज करने में लगातार कामयाब हो रहे हैं। इसके दो फायदे हैं। पहला साइबर अपराधी का मोबाइल नंबर ब्लॉक होने से वह दूसरे किसी व्यक्ति को फोन करके जालसाजी नहीं कर सकता है और दूसरा खाता फ्रिज होने से पीडि़त को रुपये वापस होने की उम्मीद बरकरार रहती है।

एसएसपी बाबू राम ने बताया कि साइबर अपराधी मोबाइल फोन के जरिये ही डाटा चोरी, ई-वॉलेट फ्रॉड, कंप्यूटरीकृत बैंक खातों में हेराफेरी, इंटरनेट बैंङ्क्षकग फ्रॉड, इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर, फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर तरह-तरह के वारदात को अंजाम देते हैं। इससे निपटने के लिए साइबर सेल पूरी तरह से तैयार है। इसके लिए पीडि़त को बिना समय गंवाए जालसाज का मोबाइल नंबर और आदि जानकारी त्वरित देना होगा। ऐसे उन्होंने कहा है कि साइबर क्राइम से बचा जा सकता है बशर्ते, लोग जागरूक हों। बैंक कभी भी फोन पर एटीएम, बैंक अकाउंट आदि के बारे में कभी कोई जानकारी नहीं लेते हैं। इसे अगर हमेशा ध्यान में रखा जाए तो कोई साइबर ठगों का शिकार नहीं हो सकते हैं।

वरीय पुलिस अधीक्षक बाबू राम साइबर क्राइम से बचने के लिए लोगों को स्वयं जागरूक होने की जरूरत है। बैंक की ओर से एटीएम से संबंधित कोई जानकारी नहीं ली जाती है। किसी भी तरह के झांसे में यदि कोई आता है, तो समय रहते इसकी शिकायत दर्ज कराए।

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