मुजफ्फरपुर रेलवे का बाइक स्टैंड बंद होने से सैकड़ों लोगों ने यात्रा छोड़ी

ठेकेदार ने कहा, शोषण के शिकार होने के चलते छोड़ा स्टैंड, रेलवे को प्रति वर्ष भरना पड़ता है 50 लाख रुपये।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 21 Nov 2018 11:15 AM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2018 11:15 AM (IST)
मुजफ्फरपुर रेलवे का बाइक स्टैंड बंद होने से सैकड़ों लोगों ने यात्रा छोड़ी
मुजफ्फरपुर रेलवे का बाइक स्टैंड बंद होने से सैकड़ों लोगों ने यात्रा छोड़ी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन । मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर साइकिल-मोटरसाइकिल व बड़ी गाडिय़ों की सुरक्षा मंगलवार को भगवान भरोसे हो गई है। रेल यात्री अगर रेलवे परिसर में गाड़ी खड़ी करते हैं तो ठेकेदार उनकी वाहनों की सुरक्षा का ख्याल नहीं रखेंगे। स्टैंड में 500 से अधिक बाइक और 100 से अधिक बड़ी गाडिय़ां हर रोज खड़ी कर यात्री विभिन्न शहरों की ओर यात्रा करते और लौटते समय अपनी सुरक्षित गाड़ी प्राप्त करते हैं। रेलवे ने वैकल्पिक व्यवस्था किए बगैर ही स्टैंड बंद कर दिया।

   इस कारण ट्रेन यात्रियों की परेशानी एकाएक बढ़ गई है। वाहनों की सुरक्षा नहीं होने के भय से करीब 500 यात्रियों ने मंगलवार अपनी यात्रा स्थगित कर घर लौट गए।सबसे अधिक परेशानी दैनिक यात्रियों की हुई है। ऐसा इसलिए हुआ है कि, स्टैंड के तीन साल का ठेका सोमवार को खत्म हो गया। रिन्यूवल नहीं होने से ठेकेदारों ने वाहन लगाना बंद कर दिया।

   ठेकेदार का कहना है कि रेलवे प्रति वर्ष स्टैंड संचालन की एवज में 50 लाख रुपये लेती है। तीन साल में डेढ़ करोड़ दिए, किसी प्रकार की सुविधा नहीं, उल्टे शोषण का हो रहे शिकार। लफड़ा होने पर प्रशासनिक मदद भी नहीं, बिजली-पानी की भी कोई सुविधा नहीं। ठेकेदार का कहना है कि इतने पैसा कोई दूसरा बिजनेस में लगाने पर हर प्रकार की सुविधा मिल सकती है।

   सोनपुर रेल मंडल के डीआरएम अतुल्य कुमार सिन्हा ने पूछे जाने पर अनभिज्ञता जाहिर की। सीनियर डीसीएम ने बताया कि वर्तमान ठेकेदार द्वारा पैसा नहीं दिया जा रहा था इसलिए ठेका कैंसिल किया गया। 10 दिनों में दूसरे ठेकेदार को स्टैंड सौंपा जाएगा।  

chat bot
आपका साथी