चमकी-बुखार से मौत पर मानवाधिकार आयोग गंभीर, निदेशक प्रमुख को नोटिस

चमकी बुखार से होने वाली मौत व सरकारी व्यवस्था को लेकर मानवाधिकार आयोग गंभीर है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 11:46 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 11:46 PM (IST)
चमकी-बुखार से मौत पर मानवाधिकार आयोग गंभीर, निदेशक प्रमुख को नोटिस
चमकी-बुखार से मौत पर मानवाधिकार आयोग गंभीर, निदेशक प्रमुख को नोटिस

मुजफ्फरपुर। चमकी बुखार से होने वाली मौत व सरकारी व्यवस्था को लेकर मानवाधिकार आयोग गंभीर है। बीमारी से बच्चों की लगातार होने वाली मौत को लेकर मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने राज्य मानवाधिकार आयोग के यहां याचिका दायर की है। इस पर सुनवाई करते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग ने निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं को 14 जनवरी 2021 को आयोग के समक्ष सदेह उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया गया है। इस संबंध में अधिवक्ता ने बताया कि मुजफ्फरपुर में वर्ष 2019 में चमकी बुखार से काफी बच्चों की मौत हुई। सरकार व अस्पताल प्रबंधन की ओर से बीमारी की रोकथाम और इलाज को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा था। उन्होंने एसकेएमसीएच का दौरा किया और मानवाधिकार आयोग के समक्ष एक याचिका दायर की। आयोग ने स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी किया है। इसके जवाब में स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया कि चमकी बुखार से मृत मरीजों के निकटतम आश्रितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से चार लाख की सहायता राशि और एंबुलेंस के लिए चार सौ रुपये देने का भी प्रावधान है। आयोग के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग से ये जानकारी मांगी गई है कि कितने लोगों को मुख्यमंत्री राहत कोष से चार लाख तथा एंबुलेंस के लिए चार सौ की राशि दी गई। इसका ब्योरा स्वास्थ्य विभाग ने अबतक मुहैया नहीं कराया। समय पर सही जानकारी नहीं देने पर आयोग गंभीर है। अधिवक्ता ने बताया कि प्रतिवर्ष मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से सैकड़ों बच्चों की मौत हो जाती है। इस संबंध में सरकार द्वारा ठोस कदम उठाने की जरूरत है। साथ ही मृतकों के स्वजनों को सरकार द्वारा मिलने वाली राशि समय पर मिल सके, इस दिशा में सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए। चमकी बुखार का ठोस इलाज होना चाहिए, जिससे बच्चों की मृत्यु न हो। अगर सरकार बच्चों के इलाज के प्रति गंभीर नहीं हुई तो आगे भी बच्चों के अधिकार के लिए पहल जारी रहेगी।

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