एनएच को जोड़ने वाली सड़क वर्षों रही कच्ची, चौक का नाम पड़ गया कच्ची पक्की

शहरी व पंचायत क्षेत्र की पहचान सड़क से भी होती रही है। कुछ यही हाल शहर के आरडीएस कॉलेज चौक से एनएच-28 को जोड़ने वाली सड़क का था।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 02:56 AM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 02:56 AM (IST)
एनएच को जोड़ने वाली सड़क वर्षों रही कच्ची, चौक का नाम पड़ गया कच्ची पक्की
एनएच को जोड़ने वाली सड़क वर्षों रही कच्ची, चौक का नाम पड़ गया कच्ची पक्की

मुजफ्फरपुर। शहरी व पंचायत क्षेत्र की पहचान सड़क से भी होती रही है। कुछ यही हाल शहर के आरडीएस कॉलेज चौक से एनएच-28 को जोड़ने वाली सड़क का था। आरडीएस कॉलेज के सामने वाली सड़क बेहतर थी तो यहां से एनएच जाने वाली ईंट की सोलिग वाली। वह भी जर्जर। साइकिल से चलने वाले लोग भी यहां सतर्क होकर चलते। कहीं कच्ची तो कहीं पक्की। यह स्थिति वर्षों तक रही। यही कारण रहा कि सड़क का नाम ही पड़ गया कच्ची पक्की। वहीं एनएच-28 से जहां जाकर सड़क मिली उस चौक का नाम पड़ गया कच्ची-पक्की। कहते हैं, नाम का असर चीजों पर होता है।शहर की सभी सड़कें बनती रहीं। मगर, एनएच के पास करीब 20-25 मीटर तक सड़क कच्ची ही रही। करीब डेढ़ वर्ष पूर्व इसे पक्की कर दिया गया है। मगर, यह चौक मुजफ्फरपुर की एक पहचान जरूर बन गई है। शहर को जानने वाले भले ही बाहर चले गए हों वे आपसे जरूर पूछेंगे घर कहां हुआ। कच्ची पक्की से कितनी दूर। यह इसलिए भी बरौनी व समस्तीपुर की ओर से आने वाले अधिकतर लोग इसी चौक से शहर में प्रवेश करते हैं। सुबह से शाम तक वाहनों का शोर। चौक के अतिक्रमण से हमेशा जाम। वहीं अधिक चहल-पहल के कारण हादसे भी बढ़ गए हैं।

एनएच के साथ ही चौक की पहचान : करीब पांच दशक से क्षेत्र में रहने वाले बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के अध्यक्ष उदय शंकर प्रसाद सिंह कहते हैं, एनएच-28 का निर्माण हो गया था। वहीं रामदयालु से अघोरिया बाजार जाने वाली सड़क भी अच्छी थी। मगर, एनएच से शहर में प्रवेश करने वाली सड़क वर्षों से कुछ कच्ची तो कुछ पक्की रही। इसका नाम भी इसी कारण से पड़ा। अभी जो फर्राटा भरते वाहन दिख रहे, नहीं दिखते थे। शाम के बाद एक तरह से परिचालन बंद हो जाता था। अब स्थिति बदल गई है। सड़कें पक्की हो गई हैं। मगर, एनएच के साथ ही कच्ची-पक्की चौक की जो पहचान बनी वह कायम है। वार्ड पार्षद रूपम कुमारी कहती हैं, निगम क्षेत्र में आने से यहां की स्थिति बदली। पहले यह क्षेत्र शेरपुर पंचायत में आता था। सड़कें बनती थीं। मगर, जो भी कारण रहा हो वह जर्जर ही रहती थी। शाम में रिक्शा वाले भी इधर आना नहीं चाहते थे। मगर, बनारस बैंक चौक से तुर्की सड़क बनने से तस्वीर बदली है। अब क्षेत्र का विकास भी हो रहा है।

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