मधुबनी के बच्चे कैसे बनेंगे विज्ञानी, गोदाम बनकर रह गई विज्ञान की प्रयोगशाला

शहर के गोकुल मथुरा सूड़ी समाज प्लस टू विद्यालय की प्रयोगशाला महज गोदाम बन कर रह गया है। इस विद्यालय की प्रयोगशाला मैट्रिक मूल्यांकन उत्तर पुस्तिका की बोरियों से भरा गोदाम बनकर रह गया है। विज्ञान संबंधी उपकरणों की जगह सिर्फ उत्तर पुस्तिका की बोरियां नजर आ रही है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 11:15 AM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 11:15 AM (IST)
मधुबनी के बच्चे कैसे बनेंगे विज्ञानी, गोदाम बनकर रह गई विज्ञान की प्रयोगशाला
प्रयोगशाला में विज्ञान संबंधी उपकरणों की जगह मैट्रिक उत्तर पुस्तिकाओं की बोरियां। फोटो- जागरण

मधुबनी, जासं। विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए सरकारी हाईस्कूलों में प्रयोगशाला तो बनी, लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं होता है। कहीं उपकरण तो कहीं पर शिक्षक नहीं हैं। कहीं प्रयोगशाला सहायक का पद खाली है। कई स्कूलों में तो प्रयोगशाला बनी ही नहीं है। शहर के गोकुल मथुरा सूड़ी समाज प्लस टू विद्यालय की प्रयोगशाला महज गोदाम बन कर रह गया है। इस विद्यालय की प्रयोगशाला मैट्रिक मूल्यांकन उत्तर पुस्तिका की बोरियों से भरा गोदाम बनकर रह गया है। प्रयोगशाला में विज्ञान संबंधी उपकरणों की जगह सिर्फ मैट्रिक मूल्यांकन उत्तर पुस्तिका की बोरियां नजर आ रही है।

प्रयोगशाला को उपकरण के लिए आठ लाख रुपये आवंटित

बता दें कि वर्ष 2019 में सूडी उच्च विद्यालय के प्रयोगशाला को उपकरण के लिए आठ लाख रुपये दिए गए थे। इसके बाद ही वर्ष 2020 में कोरोना की पहली लहर में विद्यालय का संचालन ठप हो गया। यही हाल जिले के करीब 175 उच्च विद्यालयों के प्रयोगशाला का है। पिछले वर्ष उत्क्रमित उच्च विद्यालयों को प्रयोगशाला के उपकरण के लिए साढ़े तीन लाख तथा उच्च विद्यालयों को आठ लाख रूपये विज्ञान संबंधी उपकरण की खरीदारी के लिए आवंटित किया गया था। इन उच्च विद्यालयों में प्रयोगशाला के लिए खरीदी गई अधिकांश उपकरणों का कहीं अता-पता नजर नहीं आ रहा है।

विधानसभा की एक टीम विद्यालय की स्थिति से हुई अवगत

बता दें कि इसी वर्ष इस विद्यालय का शताब्दी वर्ष समारोह मनाया गया था। जिसमें विद्यालय के विकास संबंधी कई प्रस्ताव पारित किया गया था। मधुबनी विधायक समीर कुमार महासेठ द्वारा विद्यालय के नए भवन के निर्माण को लेकर विधानसभा में सवाल उठाया गया था। इसके बाद विधानसभा की एक टीम यहां पहुंचकर विद्यालय की स्थिति से अवगत हुए थे। मगर, विद्यालय के नए भवन को लेकर विभागीय स्तर पर अब तक कहीं कोई योजना नहीं बनाई जा सकती है। विद्यालय का पुराना 16 कमरों का भवन पूरी तरह जर्जर हो गया है। इसमें करीब दो साल से पढ़ाई ठप है। नए भवन में कमरों के अभाव से बच्चों का पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है।

प्रयोगशाला के लाभ से वंचित हो रहे विद्यार्थी

शहर के सूडी उच्च विद्यालय के एक छात्र रोशन कुमार ने बताया कि विद्यालय में प्रयोगशाला से कुछ सीखना संभव नहीं हो सका। इंटरनेट के माध्यम से आनलाइन विज्ञान संबंधी जानकारी हासिल करते रहे हैं। वहीं इस विद्यालय के राधा कुमारी ने बताया कि इस वर्ष विद्यालय का संचालन शुरू होने से अब तक प्रयोगशाला के लाभ से वंचित हो रहे हैं। प्रयोगशाला गोदाम बन जाने के कारण इसका लाभ नहीं मिल रहा है। वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी नसीम अहमद ने बताया कि सूडी उच्च विद्यालय के प्रयोगशाला सहित जिले के अन्य विद्यालयों के प्रयोगशाला की स्थिति की समीक्षा कर जरूरत पड़ने पर निश्चित रूप से सुधार लाई जाएगी। 

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