मुजफ्फरपुर की खालिकनगर गौड़ीहार पंचायत में कैंसर से मुक्ति की जगी उम्मीद

खालिकनगर नगर गौड़ीहार में दो वर्षों में 20 से अधिक लोगों की हो चुकी मौत। एसकेएमसीएच में मार्च में शुरू हुए होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर की टीम इसे लेकर सक्रिय हो गई है। कुछ दिन पहले अस्पताल की टीम गांव में पहुंची।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 09:14 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 09:14 AM (IST)
मुजफ्फरपुर की खालिकनगर गौड़ीहार पंचायत में कैंसर से मुक्ति की जगी उम्मीद
जांच में बीमारी का प्रारंभिक प्रमुख कारण खैनी, गुटखा व सुपारी निकला। फोटो- जागरण

सकरा (मुजफ्फरपुर), संस। नून व कदाने नदी के किनारे बसी सकरा प्रखंड की खालिकनगर गौड़ीहार पंचायत पिछले दो साल से कैंसर की चपेट में है। इस दौरान 20 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। करीब एक दर्जन से अधिक लोगों का अब भी इलाज चल रहा है। अब यहां के लोगों को कैंसर से मुक्ति की उम्मीद जगी है। कारण एसकेएमसीएच में मार्च में शुरू हुए होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर की टीम इसे लेकर सक्रिय हो गई है। कुछ दिन पहले अस्पताल की टीम गांव में पहुंची। उसने 84 लोगों की स्क्रीनिंग की। जिनमें बीमारी के लक्षण दिख रहे हैं, उन्हें जरूरी सुझाव दिए गए। साथ ही यहां के पानी में आर्सेनिक की जांच के लिए बीडीओ ने अधिकारियों को पत्र लिखा है। सांसद अजय निषाद ने भी इसे लेकर पहल की है। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा था।

शनिवार को भी होगी स्क्रीनिंग

होमी भाभा कैंसर अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर के प्रभारी डा. रविकांत ने बताया कि अभी वहां पर स्क्रीनिंग लगातार जारी रहेगी। शनिवार को भी टीम जाकर जांच करेगी। संदिग्ध की पहचान होने के बाद उसे रिसर्च सेंटर पर लाकर इलाज किया जाएगा। कैंसर स्क्रीनिंग प्रभारी डा. दिव्या किरण का कहना है कि अबतक जांच में बीमारी का मुख्य प्रारंभिक कारण खैनी, गुटखा व सुपारी का सेवन सामने आया है। विस्तृत शोध जारी है। आगे स्क्रीनिंग के साथ जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।

इलाज की राह हुई आसान

जिले में मार्च में कैंसर संस्थान खुलने से लोगों में इलाज की राह आसान होती दिख रही है। पहले पंचायत के लोगों को कोलकाता, बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली, लखनऊ एवं पटना जाकर इलाज कराना होता था। पीडि़त पूनम कुमारी के स्वजन का कहना है कि एक वर्ष से काफी परेशान थे। पटना से लेकर कोलकाता तक इलाज के लिए जाना होता था, जिसपर काफी खर्च हो जाता था। जिले में कैंसर संस्थान खुला तो इलाज आसान हो गया है। वे नियमित रूप से चिकित्सकों की सलाह पर दवा ले रहे हैं। राजेश कुमार ने बताया कि वे पटना के निजी नॄसग होम मे इलाज करा रहे हैं। अब यहीं इलाज हो सकता है।

सांसद भी कर रहे पहल

सांसद अजय निषाद ने कहा कि कैंसर के मरीजों का सही इलाज व समय से पहचान हो। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी गई है। वे अपने स्तर से पहल कर रहे हैं कि केंद्रीय टीम भी गांव में जाकर अपने स्तर से जांच कर बीमारी के कारण का पता लगा दे।

मुखिया ने शुरू किया जागरूकता अभियान

पंचायत के मुखिया महेश शर्मा गांव में लोगों के बीच जागरूकता अभियान चला रहे हैं। वे लोगों को सिगरेट, तंबाकू, गुटखा के साथ बाजार के तैलीय सामग्री के खाने से परहेज करने को कह रहे हैं। स्वच्छता के साथ घर रहने व मास्क का उपयोग करने की भी सलाह दे रहे।  

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