बगहा-वाल्मीकिनगर मुख्य पथ पर, हरनाटाड़-महदेवा पथ कटा, गंडक का जलस्तर 2.64 लाख क्यूसेक पार
गंडक व मसान समेत पहाड़ी नदियां उफान पर दोन में हालात चिंताजनक एसडीएम समेत अन्य अधिकारियों ने लिया वस्तुस्थिति का जायजा दोन में हालात चिंताजनक सड़क पर तीन फीट से अधिक पानी बह रहा। जिसके कारण दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई है।
पश्चिम चंपारण, जासं। सोमवार की सुबह से हो रही बारिश के बीच गंडक व मसान समेत अन्य पहाड़ी नदियां उफान पर हैं। गंडक का जलस्तर मंगलवार की दोपहर 2.64 लाख क्यूसेक पर पहुंच गया। जो जून दूसरे हफ्ते में अप्रत्याशित है। मनोर नदी का पानी बगहा-वाल्मीकिनगर मुख्य पथ पर बलजोरा के समीप बह रहा। जिसके कारण आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है।
सड़क पर तीन फीट से अधिक पानी बह रहा। जिसके कारण दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई है। हरनाटांड़-महदेवा सड़क बाढ़ के पानी के कारण कट गई है। दोन इलाके में मसान का बांध क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण कई गांवों में तेजी से बाढ़ का पानी प्रवेश कर रहा है। मंगलवार की दोपहर बारिश के बीच हरनाटांड़-बैरिया खुर्द मुख्य पथ के बीच से निकले दो दो सिंचाई नाले के ऊपर से बहते हुए बाढ़ का पानी हरनाटांड़ की कई घरों व दुकानों में भी घुस गया। थरुहट क्षेत्र के कई गांवों से बगल से होकर गुजरने वाली पहाड़ी नदियां मनोर, झिकरी, भपसा, कोशिल आदि में जलस्तर बढ़ गया है। जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण पंचफेड़वा गांव के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गया।
मंगलवार को एसडीएम शेखर आनंद, बीडीओ प्रणव कुमार गिरि और सीओ राकेश कुमार मौके पर पहुंचे तथा वस्तुस्थिति का जायजा लिया। एसडीएम ने ग्रामीणों को सतर्क रहने को कहा है। रामनगर प्रखंड के गुदगुदी, बगही सखुआनी सहित दोन के दो दर्जन गांव पहाड़ी नदी की जद में आ चुके हैं। बावजूद दोन में कही भी कटावरोधी कार्य पूरा नहीं हुआ।
बाढ़ के निरंतर बढ़ते दबाव से कई गांव के लोग दहशत में हैं। मसान नदी में आई बाढ़ का पानी बगहा एक प्रखंड के झारमहुई, अजमलनगर व तमकुही में प्रवेश कर गया है। सलहा बरिअरवा, जमादार टोला, सिसवा वसंतपुर की ओर तेजी से बाढ़ का पानी बढ़ रहा है। सिकरहना नदी में आई बाढ़ के पानी में हरदी-नदवा सरेह की फसल डूब चुकी है। ठकराहां, मधुबनी, भितहां और पिपरासी के भी कई गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा। एसडीएम शेखर आनंद ने कहा कि बांधों की निगरानी बढ़ा दी गई है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। नाविकों को नदी में नहीं उतरने का आदेश दिया गया है। सभी बीडीओ-सीओ को अलर्ट मोड पर रखा गया है।