मेडिकल की तैयारी में जुटा था दरभंगा नाव हादसे में लापता हेमंत

दरभंगा मारवाड़ी कालेज में स्नातक तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद आगे की तैयारी में जुटा था विवेक गांव के दो युवकों के डूबने के बाद कोनिया गांव में नहीं जला किसी के भी घर का चूल्हा सदमे में लोग

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 03:40 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 03:40 PM (IST)
मेडिकल की तैयारी में जुटा था दरभंगा नाव हादसे में लापता हेमंत
कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के कमला-बलान नदी के कोनिया घाट पर नाव दुर्घटना के बाद मौके पर मौजूद पुलिस। जागरण

दरभंगा (कुशेश्वरस्थान), जासं। कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के कोनिया गांव के निकट कमला बलान नदी में हुए नाव हादसे में लापता कोनिया के विवेक और हेमंत के घर जहां कोहराम मचा है। वहीं दूसरी ओर गांव में सन्नाटा है। सभी लोग गांव के दो होनहार युवकों के डूबने के बाद से गहरे सदमे में हैं। विवेक की मां विभा देवी और हेमंत की मां सोनावती अपने पुत्रों के गम में बार-बार बेहोश हो जा रही थी। जब भी कोई उनके दरवाजे पर आता है तो वह चीत्कार मारकर अपने बेटे को देखने के लिए आंखें खोलती हैं, लेकिन बेटे को सामने नहीं देख दोबारा अचेत हो जाती है। परिवार और समाज की महिलाएं दोनों को संभालने में लगी हैं।

स्वजनों के मुताबिक दोनों ही बच्चे होनहार थे। अपने परिवार की उम्मीद थे। बताया गया कि शिक्षक पुत्र हेमंत जहां पटना में मेडिकल परीक्षा की तैयारी कर रहा था। वहीं विवेक स्नातक फाइनल करने के बाद माड़वारी कालेज दरभंगा में आगे की पढ़ाई कर रहा था। ग्रामीण कहते हैं कि दोनों युवक घर के लिए ही नहीं गांव के लिए भी अच्छे थे। इस हृदय विदारक घटना से मर्माहत गांव के लोगों के घरों में चूल्हे नहीं जले।

देर शाम तक कमला बलान के घाट पर उमड़ी रही लोगों की भीड़, चलती रही युवकों की खोज

दोनों युवकों की खोज के लिए गांव के लोगों की भीड़ देर शाम तक कमला बलान नदी के घाट पर जमी रही। गोताखोर पानी में डूबे युवकों की खोज में लगी है। एनडीआरएफ की टीम ने भी पूरी मेहनत की, लेकिन देर शाम तक उन्हें नदी के पानी से नहीं निकाला जा सका था।

क्षमता से ज्यादा लोग सवार थे नाव पर

स्थानीय लोगों के मुताबिक नाव पर क्षमता से ज्यादा लोगों के सवार होने के कारण नाव जैसे ही पानी की तेज धारा में पहुंची अनियंत्रित हो गई। नाविक संभलते तबतक नाव हादसे का शिकार हो गई। मौके पर मौजूद बिरौल के एसडीओ संजीव कुमार कापर ने कहा कि एनडीआरएफ की टीम को तलाशी के लिए लगाया गया है। खोज पूरी होने के बाद पीडि़त परिवार को सरकार की ओर निर्धारित चार लाख की अनुदान राशि 24 घंटे में दी जाएगी।

पीडि़त स्वजनों से मिले समाज कल्याण मंत्री

हादसे के बाद समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी दोनों परिवारों के घर गए। पीडि़त परिवार के सदस्यों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि प्रशासन की तरफ से दोनों बच्चों को खोजने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार पूरी तरह से दोनों परिवारों के साथ हैं। दोनों बच्चों की वापसी के लिए हम सब भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं।

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