नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में तेज बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त, पहाड़ गिरने से आवागमन ठप

पिछले तीन दिनों से हो रही तेज बारिश। पूर्वी चंपारण में कहर बन चुकी है तेज बारिश। पूर्वी चंपारण के रक्सौल में घर पर पहाड़ गिरने से एक ही परिवार के तीन लोगों की हो गई मौत। प्राकृतिक विपदा से प्रशासन बेचैन।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 12:18 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 12:18 PM (IST)
नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में तेज बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त, पहाड़ गिरने से आवागमन ठप
रक्सौल भारत-नेपाल सीमा से सदूर पहाड़ी क्षेत्र में भस्खलन से गिरे पहाड़! फाेटो - इंटरनेट मीड‍िया

पूर्वी चंपारण, जासं। पिछले तीन दिनों से नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में तेज बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। भारत-नेपाल सीमा से दूर पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश कहर बनकर टूट पड़ी है। नेपाल के सुदूर पश्चिम में भूस्खलन यानी पहाड़ गिरने से अलग-अलग स्थलों पर दो दर्जन लोगों की मौत हो गई है। साथ ही पूर्वी चंपारण के रक्सौल में सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गया है जिससे देशी-विदेशी पर्यटकों के वाहन और यात्री बस दो दिनों से फंसे है। नेपाल के धनगढ़ी के डडेलधुरा, भासु तथा सहजपुर के बीच पहाड़ गिरने से आवागमन ठप है। इसकी जानकारी यातायात पुलिस कार्यालय एसपी वामदेव गौतम ने दी।

 उन्होंने बताया कि जयपृथ्वीराज मार्ग बैतड़ी सतवाज और दार्चुला को जोडऩे वाली महाकाली राज मार्ग भूस्खलन से बंद है। बैतड़ी शिवनाथ गांवपालिका वार्ड नंबर 6 में राम कार्की के घर पर पहाड़ गिरने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में पवित्र कार्की (18), भानु कार्की (24), सोम कार्की (3) हैँ। इसके अलावे जयपृथ्वी नागरपालिका पिमी गांव के 60 परिवार विस्थापित हो गए। उक्त गांव का एक किलोमीटर लंबा चौड़ा क्षेत्र पहाड़ गिरने से ढक गया है। भूस्खलन से सात घरों पर पहाड़ गिर गया। जिससे 24 लोग विपदा में हैं। इसमें एक ही परिवार के 18 लोग शामिल है। जिनकी तलाश यानी बचाव दल कर रही है। इस परिवार के 6 सदस्य भारत के विभिन्न प्रांतों में है। जिन्हें नेपाल प्रशासन सूचना देने का प्रयास कर रही है।

प्रमुख जिलाधिकारी मोहन अधिकारी ने बताया कि दूरसंचार सेवा बाधित है। कभी-कभी नेपाल टेलीकॉम (एनसेल) मोबाइल सेवा कार्य कर रहा है। विद्युत आपूर्ति ठप है। जिले को जोडऩे वाली करीब सभी मार्ग भूस्खलन से अवरुद्ध है। जिससे भूस्खलन से हुए जानमाल की क्षति का मूल्यांकन संभव नहीं हो रहा है। चैनपुर सहित आड़े दर्जन गांवों में पीने का पानी का आपूर्ति ठप है। इस प्राकृतिक विपदा से प्रशासन बेचैन है। मौसम खराब होने के कारण बचाव कार्य और हवाई मार्ग से भी सहायता कार्य में परेशानी हो रही है। 

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