एसकेएमसीएच के आगे अतिक्रमण पर हाईकोर्ट में एक को सुनवाई

एसकेएमसीएच परिसर पूरी तरह अतिक्रमणमुक्त नहीं हुआ है। मुख्य गेट पर दुकान लगाना चहारदीवारी नहीं होना कोर्ट के आदेश की अवमानना है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 01:30 AM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 01:30 AM (IST)
एसकेएमसीएच के आगे अतिक्रमण पर हाईकोर्ट में एक  को सुनवाई
एसकेएमसीएच के आगे अतिक्रमण पर हाईकोर्ट में एक को सुनवाई

मुजफ्फरपुर। एसकेएमसीएच परिसर पूरी तरह अतिक्रमणमुक्त नहीं हुआ है। मुख्य गेट पर दुकान लगाना, चहारदीवारी नहीं होना कोर्ट के आदेश की अवमानना है। एक दिसंबर को उच्च न्यायालय में अतिक्रमण को लेकर सुनवाई होगी। उसमें इस बात को साक्ष्य के साथ रखा जाएगा। मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए न्यायालय में पहल कर रहे पटना के गुड्डू बाबा शनिवार को एसकेएमसीएच पहुंचे तथा परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि जब तक पूरा परिसर अतिक्रमण मुक्त नहीं हो जाता, तब तक पहल जारी रहेगी। 2010 से चल रही अतिक्रमण हटाने की पहल

उन्होंने कहा कि एसकेएमसीएच समेत राज्य के तमाम सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से अतिक्रमण हटाकर सुरक्षित करने की पहल 2010 से की जा रही है। उस समय पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई थी। उनकी ओर से अतिक्रमण को लेकर जब परिवाद दायर किया गया तो सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर 2013 से पटना हाईकोर्ट अतिक्रमण हटाने की प्रगति की निगरानी कर रहा है। उन्होंने कहा कि चार जनवरी, 2011 को तत्कालीन कार्यकारी मुख्य न्यायधीश एसके सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की जमीन को चार माह में अतिक्रमण मुक्त किया जाए।

कोर्ट के निर्देश में कहा गया था कि

पहले महीने में अतिक्रमण की जमीन को चिह्नित करें, दूसरे महीने में अतिक्रमण को हटाया जाए। यदि वहां पक्का निर्माण हो तो उसे ध्वस्त कर दिया जाए। तीसरे महीने में चहारदीवारी को पूरा कर लेना है तथा चौथे महीने में कोर्ट को आदेश अनुपालन की जानकारी देनी है। इस काम को पूरा करने के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया। संबंधित मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के अधीक्षक, प्राचार्य, जिलाधिकारी, एसपी, प्रमंडलीय आयुक्त, भवन निर्माण के कार्यपालक अभियंता सदस्य बनाए गए। टास्क फोर्स की मदद से कोर्ट के आदेश का अनुपालन करना था। लेकिन, यहां शत प्रतिशत काम पूरा नहीं हुआ। अतिक्रमण नहीं हटने तथा चहारदीवारी नहीं होने से अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं। जमीन पर भू माफिया की नजर है। कोर्ट को सारी स्थिति से अवगत कराया जाएगा।

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