मुजफ्फरपुर में एंटीजन किट कालाबाजारी मामले में हेल्थ मैनेजर की गिरफ्तारी का आदेश

सदर अस्पताल उपाधीक्षक ने प्रबंधक की हाजिरी पर लगाई रोक कार्रवाई के लिए सिविल सर्जन को देंगे रिपोर्ट मची खलबली। पूर्वी डीएसपी मनोज पांडेय ने कहा कि गिरफ्तारी आदेश जारी हो चुका है। उसकी तलाश जारी है। गिरफ्तारी को लेकर लगातार छापेमारी की जा रही है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 09:17 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 09:17 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में एंटीजन किट कालाबाजारी मामले में हेल्थ मैनेजर की गिरफ्तारी का आदेश
नगर व सकरा थाने की पुलिस को संयुक्त रूप से कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।

मुजफ्फरपुर, जासं। एंटीजन किट कालाबाजारी मामले में पुलिस ने हेल्थ प्रबंधक प्रवीण कुमार की गिरफ्तारी का आदेश दिया है। इस बीच सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा.एनके चौधरी ने कहा कि प्रबंधक पर प्राथमिकी दर्ज होने की जानकारी मिली है। तत्काल हाजिरी बनाने पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में वह सिविल सर्जन को पूरी जानकारी उपलब्ध करा देंगे। उसके बाद उनका जो निर्देश होगा उसके अनुसार आगे का कदम उठाया जाएगा। इधर पूर्वी डीएसपी मनोज पांडेय ने कहा कि गिरफ्तारी आदेश जारी हो चुका है। उसकी तलाश जारी है। गिरफ्तारी को लेकर लगातार छापेमारी की जा रही है। नगर व सकरा थाने की पुलिस को संयुक्त रूप से कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।

इस तरह से आया मामला

एंटीजन किट कालाबाजारी मामले में सकरा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने सकरा के सुस्ता गांव के अशोक ठाकुर के घर से चार हजार सरकारी एंटीजन किटें, साबुन, सैनिटाइजर आदि सामान बरामद किया था। सदर अस्पताल के लैब टेक्नीशियन राजापाकड़ थाना क्षेत्र के लव कुमार को गिरफ्तार किया था। लव के बयान पर सदर अस्पताल में पदस्थापित माड़ीपुर निवासी दीपक कुमार, भगवानपुर निवासी आनंद कुमार, बलिगांव थाना के बेलादम निवासी मिथिलेश कुमार व सकरा रेफरल अस्पताल के लैब टेक्नीशियन नालंदा जिला के मिलत निवासी अवधेश कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इस मामले में सदर अस्पताल के प्रबंधक प्रवीण कुमार व सरैया सीएचसी के लैब टेक्नीशियन अमितेष को भी आरोपित बनाया गया है। दोनों अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। कुछ दिन पहले सकरा पुलिस प्रबंधक के सदर अस्पताल में मौजूद होने की सूचना पर आई, लेकिन वह भाग निकला था। पुलिस अभी खोज रही लेकिन वह प्रतिदिन परिसर में दिखाई देता है। वह प्रतिदिन सदर अस्पताल में ड्यूटी के साथ बड़े पदाधिकारियों की बैठक में भी आराम से शामिल होता है। लेकिन, पुलिस की डायरी में वह फरार है। इस घटना से जिले के स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।

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