घर हो या मैदान, सक्रियता में छिपा है स्वस्थ व सबल होने का राज

कोरोना काल में न सिर्फ वायरस से बचने की चुनौती थी बल्कि घरों में कैद रहते हुए अपने को स्वस्थ एवं सबल बनाए रखने की बड़ी जिम्मेदारी भी थी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 03:17 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 03:17 AM (IST)
घर हो या मैदान, सक्रियता में छिपा है स्वस्थ व सबल होने का राज
घर हो या मैदान, सक्रियता में छिपा है स्वस्थ व सबल होने का राज

मुजफ्फरपुर : कोरोना काल में न सिर्फ वायरस से बचने की चुनौती थी, बल्कि घरों में कैद रहते हुए अपने को स्वस्थ एवं सबल बनाए रखने की बड़ी जिम्मेदारी भी थी। खेल मैदान एवं जिम नहीं जाने की स्थिति में अपने को फिट रखने के साथ-साथ स्किल को बचाए रखने की चुनौती भी थी। हालांकि खिलाड़ियों एवं खेल पदाधिकारियों ने योग एवं एक्सरसाइज के साथ-साथ अपने को घरों में सक्रिय रखा। अब उनको बस हालात सामान्य होने का इंतजार है ताकि फिर से खेल मैदान में वे अपनी प्रतिभा को दिखा सकें।

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बढ़ती उम्र में भी स्वस्थ व सबल, सुबह-शाम जमकर बहाते पसीना

बढ़ती उम्र में भी अंतरराष्ट्रीय एथलिट हैमर थ्रोवर अंजनी कुमारी ओझा फिट हैं। नियमित योग एवं एक्सरसाइज के साथ दिनभर सक्रिय रहते हैं। अपना अधिकतर काम स्वयं करते हैं। सुबह व शाम एक्सरसाइज पर जमकर पसीना बहाते हैं। दिन में खेतों में काम करते ताकि कोरोना काल में अपने को पूरी तरह से फिट रख सकें। खबरा निवासी अंजनी कुमार ओझा अब तक मास्टर एथलेटिक्स प्रतियोगिता में तीन अंतरराष्ट्रीय पदक जीत चुके है और अभी भी मुकाबले को तैयार हैं। उनका कहना है कि फिट रहने के लिए मैदान व जिम की जरूरत नहीं। घर हो या मैदान फिट रहने के लिए बस अपने को हमेशा सक्रिय रखने की जरूरत है। सुबह-शाम फार्म हाउस में वह स्वयं काम करते हैं। पेड़-पौधों को स्वयं पानी देते हैं। शारीरिक श्रम से वे नहीं भागते।

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फिट रखने को स्वयं करते अपना काम

वर्ष 1989 में एशियन ट्रैक एंड फील्ड प्रतियोगिता में भारतीय टीम के मैनेजर रहे अनिल कुमार सिन्हा भी पूरी तरह से फिट हैं। इसके पीछे योग एवं एक्सरसाइज के साथ उनकी सक्रियता है। वह भी अपना अधिकतर काम स्वयं करते हैं। कोरोना से घर में कैद रहने के बाद भी उनको कोई परेशानी नहीं हुई। जिला एथलेटिक्स संघ के संरक्षक एवं दाउदपुर कोठी निवासी अनिल कुमार सिन्हा कहते हैं कि रोज सुबह पहले वे योग करते हैं। साथ ही एक्सरसाइज पर जमकर पसीना बहाते हैं। बागवानी से लेकर सब्जी-दूध लाने तक का काम स्वयं करते हैं। घर के काम में भी हाथ बंटाते हैं। सबसे बड़ी बात हमेशा मन को प्रसन्न रखते हैं।

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