पूर्वी चंपारण के अस्पताल में दवा की उपलब्धता को लेकर सतर्क है स्वास्थ्य विभाग

कोरोना की संभावित तीसरी लहर के खतरे को लेकर तैयारी की हो रही समीक्षा कोरोना के इलाज के लिए दवा की नहीं है कमी शीघ्र चालू होंगे ऑक्सीजन प्लांट दवा की कालाबाजारी न हो इसके लिए व्यवस्था पर रहती है प्रशासन की नजर

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 08:37 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 08:37 PM (IST)
पूर्वी चंपारण के अस्पताल में दवा की उपलब्धता को लेकर सतर्क है स्वास्थ्य विभाग
कोरोना सं‍क्रमण की तीसरी लहर से बचाव के ल‍िए तैयारी।

पूर्वी चंपारण, जासं। कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर की ङ्क्षचता अब आम लोगों को सताने लगी है। दूसरी लहर में किस हद तक लोगों ने परेशानी झेली है। वह सब कुछ याद है। शायद यही कारण है कि कोरोना का टीका लेने के लिए सत्र स्थलों पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। जांच कार्य भी तेज कर दिया गया है। बहरहाल, तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी तैयारी को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। या यूं कहें कि व्यवस्था को करीब-करीब अपडेट कर लिया गया है। दवा, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर एवं बेड की कमी न हो इसकी व्यवस्था की जा चुकी है। इनके अलावा जिन सामग्रियों की कमी है उनकी सूची बनाकर सिस्टम से मांग की गई है। उम्मीद है कि हफ्ता-दस दिन में सब कुछ उपलब्ध हो जाएगा। संकट काल में दवा की कालाबाजारी न हो इस पर भी प्रशासन की नजर रहती है। दवा विक्रेता संघ से समन्वय बनाकर जिला प्रशासन द्वारा इस पर काम किया जाता है।

10 अगस्त तक सक्रिय हो जाएंगे ऑक्सीजन प्लांट

जिले में मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी न हो इसके लिए छह ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट की स्थापना की जा रही है। इस व्यवस्था के तहत सदर अस्पताल में दो, चकिया, केसरिया, पकड़ीदयाल एवं अरेराज में एक-एक ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। प्लांट को तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है। संभावना है कि 10 अगस्त तक प्लांट को चालू कर दिया जाएगा। इस संबंध में जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि इस व्यवस्था से मरीजों के इलाज में बड़ी मदद मिलेगी। ऑक्सीजन की समस्या को काफी हद तक काबू कर लिया जाएगा। प्लांट का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

रेमडेसिविर सहित उपलब्ध हैं अन्य जरूरी दवाईयां

कोरोना की तीसरी लहर के दौरान जिले में दवाईयों की कमी न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। आवश्यक सभी दवाईयां उपलब्ध हैं। कोरोना के इलाज में काम आने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन के करीब दो सौ वायल भी उपलब्ध हैं। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. अंजनी कुमार ने बताया कि जिले में दवा की कमी नहीं है। कोरोना से बचाव के लिए जरूरी सभी प्रकार की दवाईयां उपलब्ध हैं। तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त किया जा रहा है, ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके। सदर अस्पताल में 335 बेड का आइसोलेशन वार्ड (कोविड केयर सेंटर) है। वहां की व्यवस्था में भी आवश्यकतानुसार सुधार किए जा रहे हैं। सभी बेड को ऑक्सीजन पाइप से जोड़ा जा रहा है। पूरी व्यवस्था निर्धारित दिशा-निर्देशों एवं मापदंडों के अनुसार की जा रही है।

आइसीयू की व्यवस्था को किया जा रहा अपडेट

सदर अस्पताल में आइसीयू की सुविधा भी उपलब्ध है। यहां पर वेंटिलेटर वाले छह बेड उपलब्ध हैं। हालांकि वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाने की मांग की गई है, मगर अभी तक इस दिशा में बात बनी नहीं है। उम्मीद की जा रही है कि इसकी संख्या बढ़ेगी। बेड की संख्या बढ़ाने के लिए सदर अस्पताल के पास क्षमता भी है। मानव संसाधन की भी कमी नहीं है। इस संबंध में आइसीयू के प्रभारी डॉ. नागमणि ङ्क्षसह ने बताया कि आइसीयू के संचालन में जिन चीजों की कमी है उसकी सूची सिविल सर्जन को दे दी गई है। उम्मीद है कि बहुत जल्द यहां की व्यवस्था दुरूस्त हो जाएगी। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

बहुत जल्द बनकटवा होगा दोनों डोज लेने वाला पहला प्रखंड

कोरोना को मात देने के लिए जिले में बड़े पैमाने पर टीकाकरण का कार्य चल रहा है। अब तक जिले में करीब 11 लाख लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। पूर्वी चंपारण ने वैक्सीनेशन में देश स्तर पर नाम कमाया है। अब एक बार फिर दोनों डोज लेने में इस जिले का बनकटवा प्रखंड मिसाल कायम करने जा रहा है। संभावना है कि एक सप्ताह के अंदर इस प्रखंड में वैक्सीन की दोनों डोज लोगों लगा दी जाएगी। ऐसा करने वाला यह सूबे का पहला प्रखंड होगा। फस्र्ट डोज के मामले में भी इस प्रखंड ने रिकॉर्ड बनाया था।

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