चार वर्षों से बंद बिहार विवि का हेल्थ सेंटर, कोरोना काल में कर्मियों को हो रही परेशानी

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय का हेल्थ सेंटर चिकित्सक की कमी के कारण चार वर्षों से बंद पड़ा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 01:26 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 01:26 AM (IST)
चार वर्षों से बंद बिहार विवि का हेल्थ सेंटर, कोरोना काल में कर्मियों को हो रही परेशानी
चार वर्षों से बंद बिहार विवि का हेल्थ सेंटर, कोरोना काल में कर्मियों को हो रही परेशानी

मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय का हेल्थ सेंटर चिकित्सक की कमी के कारण चार वर्षों से बंद पड़ा है। कर्मचारियों और प्राध्यापकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। संसाधनों से लैस इस हेल्थ सेंटर में कुल आठ कमरे हैं। यहां वर्तमान में चार कर्मी नियुक्त हैं। उपकरण भी मौजूद हैं, लेकिन न दवाएं हैं और न चिकित्सक। विवि की ओर से भी चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए पहल नहीं की जा रही है। यहां चिकित्सक के दो पद सृजित हैं। कोरोना काल में यह हेल्थ सेंटर काफी उपयोगी साबित हो सकता है, लेकिन विवि प्रशासन की उदासीनता के कारण कर्मचारियों व प्राध्यापकों को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है। बताते हैं कि यहां कार्यरत चिकित्सक डॉ.करुणा मिश्रा 2017 में सेवानिवृत्त हुई थीं। इसके बाद से यहां चिकित्सक का पद रिक्त है। इस हेल्थ सेंटर में एक्सरे के साथ ही विभिन्न प्रकार की जांच के साथ ही दवाएं भी निशुल्क दी जाती थी। कर्मचारियों की ओर से चिकित्सक की नियुक्ति के लिए मांग की जा रही है। - पुरुष-महिला छात्रावास के विद्यार्थियों को भी मिलता था लाभ :

विश्वविद्यालय परिसर स्थित पांच पुरुष और दो महिला छात्रावास के विद्यार्थियों के साथ ही विवि के कर्मचारियों और प्राध्यापकों को भी स्वास्थ्य लाभ मिलता था। चिकित्सक की नियुक्ति के लिए पूर्व कुलपति प्रो.अमरेंद्र नारायण यादव के कार्यकाल में सरकार को पत्र लिखा गया था, लेकिन सरकार की ओर से इस दिशा में पहल नहीं की गई।

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कोट-

विवि के हेल्थ सेंटर में चिकित्सक की नियुक्ति के लिए अभी कोई पहल नहीं की गई है। वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए शीघ्र चिकित्सक की नियुक्ति के लिए सरकार को पत्र लिखा जाएगा। साथ ही दवाओं की आपूर्ति के लिए भी पहल की जाएगी।

- डॉ.रामकृष्ण ठाकुर, कुलसचिव, बीआरए बिहार विवि

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