Bihar News: मोतिहारी में इस कमरे का क्या अपराध, पुलिस वालों ने लगा दी हथकड़ी!
East Champaran पुलिस महकमे से जुड़े लोगों की माने तो हथकड़ी का ताला के रूप में प्रयोग सर्वथा वर्जित है। अब किन कारणों से वहां हथकड़ी से ताला का काम लिया जा रहा है। यह तो जांच का विषय है।
पूर्वी चंपारण, जासं। यूं तो हथकड़ी अमूमन अपराधियों के बांधने के काम में आती है। हथकड़ी जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है। पुलिस इसका इस्तेमाल विभिन्न विभिन्न तरह के अपराधों में लिप्त अपराधियों पर नकेल सकने के लिए करती है। यह ऐसा शब्द है जिसकों सुनते ही बदमाशों के होश उड़ जाते हैं।
लेकिन साहेब की मर्जी तो यह ताला बनकर भी किसी कमरे के बाहर लटकने को भी मजबूर हो सकता है। कुछ ऐसा ही हुआ है मुफ्फसिल सर्किल इंस्पेक्टर कार्यालय में जहां हथकड़ी का प्रयोग एक कमरे को बंद करने के लिए ताले के रूप में किया जा रहा है। कमरे के कुंडी में हथकड़ी ऐसे लटक रहा है मानों किसी ब्रांडेड कंपनी का ताला हो। हालांकि पुलिस महकमे से जुड़े लोगों की माने तो हथकड़ी का ताला के रूप में प्रयोग सर्वथा वर्जित है। अब किन कारणों से वहां हथकड़ी से ताला का काम लिया जा रहा है। यह तो जांच का विषय है।
हथकड़ी लगाने के नियम व शर्ते
केवल अजमानतीय (गंभीर) अपराध के मामलों में ही हथकड़ी लगाई जा सकती है। यदि अभियुक्त को पहले कोई रिकार्ड रहा है या चरित्र रहा है कि वह ङ्क्षहसक हो सकता है, लोकशांति भंग कर सकता है, तोडफ़ोड़ कर सकता है या गिरफ्तारी में रुकावट डाल सकता है। इसके अलावा पर्याप्त कारण होने पर मजिस्ट्रेट के आदेश पर भी किसी को हथकड़ी लगाई जा सकती है। जानकारों की माने तो सामान्य मामलों में हथकड़ी लगाई जाती है, तो यह मौलिक अधिकार के विरुद्ध होगा। अगर पुलिस किसी को हथकड़़ी लगाना चाहती है तो उसे उपयुक्त कारण बताते हुए संबंधित न्यायालय से पूर्व अनुमति लेना होता है। हथकड़ी लगाने पर पुलिस को डायरी में भी इसका जिक्र करते हुुए हथकड़ी लगाने का कारण लिखना होता है। हालांकि कहीं भी इसका ताले की तरह प्रयोग किया जा सकता है नहीं लिखा है।