Bihar News: समस्‍तीपुर में हीमोफीलिया रोगियों की इलाज की नहीं है समुचित व्यवस्था

ऐसे में पीडि़त रोगियों के अस्पताल पहुंचाने में समय अधिक लग सकती है। और रोगी की स्थिति गंभीर होने पर जान भी जा सकती है। बता दें कि हीमोफीलिया आनुवांशिक रोग है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक जिले में नहीं है एक भी रोगी

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 04:35 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 04:35 PM (IST)
Bihar News:  समस्‍तीपुर में हीमोफीलिया रोगियों की इलाज की नहीं है समुचित व्यवस्था
हीमोफील‍िया एक बेहद गंभीर बीमारी है। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

समस्तीपुर, जासं। हीमोफीलिया बीमारी से ग्रसित रोगियों के लिए अस्पतालों में इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में इलाज की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। ऐसे हीमोफीलिया से ग्रसित रोगियों की संख्या काफी कम दिख रहा है। बावजूद स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य स्तर पर बीमारी से बचाव को लेकर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है, लेकिन जिला स्तरीय अस्पतालों में इलाज की समुचित सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में पीडि़त रोगियों के अस्पताल पहुंचाने में समय अधिक लग सकती है। और रोगी की स्थिति गंभीर होने पर जान भी जा सकती है। बता दें कि हीमोफीलिया आनुवांशिक रोग है। जिसमें शरीर के बाहर बहता हुआ रक्त जमता नहीं है। पीडि़त व्यक्ति को चोट व दुर्घटना आदि की स्थिति में रक्त का बहना जल्दी बंद नहीं होता है और रोगी की मृत्यु होने की संभावना बढ़ जाती है।

क्या है इसका उपचार

हीमोफीलिया के रोगियों को चोट व दुर्घटना में हल्का रक्त बहने पर स्थानीय स्तर दबाव डालकर ही अविलंब रोकने का प्रयास किया जाय। और रक्त बंद नहीं होने पर अस्पताल पहुंचकर चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी है। ऐसे में रोगी के शरीर से अधिक रक्त बहने पर रोगी की मृत्यु भी हो सकती है। ऐसे रिप्लेसमेंट थेरैपी हीमोफीलिया का सबसे महत्वपूर्ण इलाज है। इससे रोगी के शरीर से बहने वाली रक्त को क्लॉङ्क्षटग करने में आसानी होती है। और रोगी को बहुत जल्द आराम मिल पाता है।

जिले में नहीं है एक भी रोगी

हीमोफीलिया बीमारी से ग्रसित समस्तीपुर जिले में एक भी रोगी नहीं पाए गए हैं। सदर अस्पताल में पिछले पांच साल में अब तक एक भी रोगी इलाज कराने नहीं पहुंचे। विभागीय स्तर पर एक भी रोगी का नाम दर्ज नहीं किया गया है। और ऐसे रोगियों का जिला स्तर पर मिलने की संभावनाएं भी कम दिख रही है।

वर्जन

अब तक हीमोफीलिया से पीडि़त एक भी रोगी इलाज कराने सदर अस्पताल नहीं पहुंचे हैं। जिले में इस बीमारी से पीडि़त एक भी रोगी नहीं मिला है। ऐसे रोगियों के इलाज के लिए ब्लड चढ़ाने से लेकर अन्य सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा अन्य रोगियों के इलाज की समुचित सुविधा उपलब्ध है।

डॉ. सतीश कुमार सिन्हा

प्रभारी सिविल सर्जन, समस्तीपुर। 

chat bot
आपका साथी