West Champaran: गैंडों व शाकाहारी जानवरों के लिए चितवन में तीन हजार हेक्टेयर में ग्रास लैंड

चितवन राष्ट्रीय निकुंज के सूचना अधिकारी एवं सहायक वन संरक्षण पदाधिकारी लोकेंद्र अधिकारी ने बताया कि गैंडे का सबसे लोकप्रिय आहार घास है। इसके लिए निकुंज में विभिन्न प्रजाति के घास लगाने का काम 80 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 04:36 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 04:36 PM (IST)
West Champaran: गैंडों व शाकाहारी जानवरों के लिए चितवन में तीन हजार हेक्टेयर में ग्रास लैंड
चितवन राष्ट्रीय निकुंज में घास के मैदान का विस्तार किया। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पश्‍च‍िम चंपारण, जासं। अत्यंत दुर्लभ वन्य जंतु गैंडों के मुख्य निवास स्थल नेपाल के चितवन राष्ट्रीय निकुंज में घास के मैदान का विस्तार किया जा रहा है। इसके लिए राष्ट्रीय निकुंज के अंदर करीब तीन हजार हेक्टेयर क्षेत्र में घास के मैदान का निर्माण अंतिम चरण में है। चितवन राष्ट्रीय निकुंज के सूचना अधिकारी एवं सहायक वन संरक्षण पदाधिकारी लोकेंद्र अधिकारी ने बताया कि गैंडे का सबसे लोकप्रिय आहार घास है। इसके लिए निकुंज में विभिन्न प्रजाति के घास लगाने का काम 80 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। बाकी का 20 प्रतिशत कार्य भी इसी महीने के अंत में पूरा कर लिया जाएगा।

नेपाल सरकार द्वारा निकुंज में नया घास के मैदान के निर्माण के लिए तीन करोड़ 50 लाख तथा पुराने घास के मैदान के लिए एक करोड़ रुपये नियोजित किया गया है। निकुंज के घास के मैदान में गैंडों का पसंदीदा घास दुबे, काश, सिरू,बरुआ नरकट, थमेरा, ढ्डी जैसे 50 से भी ज्यादा प्रजाति के घास लगाया गया है । उन्होंने बताया कि पुराने घास के मैदान में उग गए मायकेनिया, मिचाता प्रजाति के झाड़ को हटा दिया गया है। इस मायकेनिया ओर मिचाता जैसे झाड़ से गैंडा को घास के मैदान में अपना आहार लेने में काफी परेशानी हो रही थी। अब इन मायकेनिया और मिचाता जैसे झाड़ को हटाने के बाद घास के मैदानों में नया घास लगाया जा रहा है। जिससे अब गैंडा को अपना पसंदीदा घास को आहर बनाने में कोई परेशानी नहीं होगी। कुल 152 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैले चितवन राष्ट्रीय निकुंज में करीब 10 प्रतिशत क्षेत्रों में ही घास का मैदान है। इन घास के मैदानों में चिचाहा प्रजाति के झाड़ से तथा प्रत्येक वर्ष आने वाले बाढ़ के कारण घास के मैदानों को काफी नुकसान हो रहा है।

शाकाहारी जानवरों के भोजन की नहीं होगी परेशानी

चितवन राष्ट्रीय निकुंज के प्रमुख संरक्षण अधिकृत गणनाथ खनाल ने बताया कि निकुंज में सितंबर में ही घास के मैदान का ढांचा तथा उस पर लागत का अनुमान तैयार कर लिया गया। सभी सामग्री की खरीदारी भी कर ली गई है। निकुंज के अंदर गैंडा के निवास स्थल जैसे सुखीभार, भीमले,बूढ़ी राप्ती पूर्वी क्षेत्र के चपरपुली, पदमपुरा, लामिताल,घटगई, लगूना,जेनीली सहित 30 से ज्यादा स्थानों का चुनाव कर इन जगहों पर बड़े-बड़े घास के मैदान बनाए गए है। उन्होंने बताया कि विशेष रूप से गैंडा, गौरी गाय, चीतल, मृग, जरायो,लगुना जैसे शाकाहारी जानवरों के लिए घास का मैदान तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि घास का मैदान सिर्फ जानवरों के लिए ही नहीं बल्कि जैविक विविधता के संरक्षण तथा पर्यावरण के लिए भी अति महत्वपूर्ण है।

वर्तमान में 694 गैंडा

इस वर्ष करीब 11 महीने के अंदर में चितवन राष्ट्रीय निकुंज में 31 गैंडों की मृत्यु हो गई। जिसमें से 27 गैंडों की मृत्यु प्राकृतिक कारणों से हुई है। पिछले वर्ष की गई गणना में नेपाल में वर्तमान में 694 गैंडा हैं।

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