मार्च के बाद पहली बार खुला भारत-नेपाल सीमा का गौर-बैरगनिया बॉर्डर, 16 दिन से चल रहा था धरना-प्रदर्शन

Sitamarhi News नेपाल की सिविल सोसाइटी के दबाव में गुरुवार से खोला गया बॉर्डर सिविल सोसाइटी नेपाल का 16 दिन से बॉर्डर पर चल रहा था धरना-प्रदर्शन। जिसमें वाहनों का परिचालन नहीं होगा सिर्फ पैदल आवाजाही और शवों को ले जाने की इजाजत।

By Murari KumarEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 08:13 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 08:13 PM (IST)
मार्च के बाद पहली बार खुला भारत-नेपाल सीमा का गौर-बैरगनिया बॉर्डर, 16 दिन से चल रहा था धरना-प्रदर्शन
नेपाल की ओर से बॉर्डर खुलने के दौरान उपस्थित नेपाली नेतागण

सीतामढ़ी, जेएनएन। कोरोना काल से सील चल रहा भारत-नेपाल बॉर्डर गुरुवार को नेपाल की ओर से एक स्थान पर खोल दिया गया मगर, भारत ने अभी कोई घोषणा नहीं की है। भारतीय क्षेत्र में एसएसबी व कस्टम के अधिकारी से लेकर तमाम व्यवसायी व आम लोग सभी ऊहापोह में ही हैं। दुनियाभर में फैले नोवेल कोरोना वायरस के मद्देनजर पिछले 24 मार्च से ही भारत-नेपाल सीमा के गौर- बैरगनिया बॉर्डर समेत सभी बॉर्डर सील है तथा हाईअलर्ट घोषित है। इंडो-नेपाल का गौर बॉर्डर नेपाल की सिविल सोसाइटी के दबाव में खोल दिया गया।

 सिविल सोसाइटी इस बॉर्डर को खोलने के लिए पिछले 16 दिनों से लगातार धरना-प्रदर्शन कर रही थी। यह बॉर्डर खुलने के बाद भी उधर के लोग भारतीय सीमा क्षेत्र में आसानी से प्रवेश नहीं कर पाएंगे। चर्चा थी कि खुलने वाली सीमाओं में सीतामढ़ी से जुड़े पांच बॉर्डर सोनबरसा, भिट्ठामोड़, बैरगनिया, सूरसंड, मेजरगंज भी शामिल हैं मगर उनके बारे में भारतीय प्रशासन की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि गृहमंत्रालय से इस तरह की कोई सूचना नहीं मिल पाई है। न कोई चिट्ठी या आदेश ही आया है। भारत से नेपाल और नेपाल से भारत के आवागमन पर अब भी पाबंदी है।

मधेश के लोगों में खुशी की लहर
उधर, बॉर्डर खुलने के साथ मधेश के लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। हालांकि, भारत की ओर से बॉर्डर नहीं खोले जाने से लोगों की मुश्किलें अभी कम नहीं हुई हैं। दोनों देश के नेताओं ने भारतीय बॉर्डर को खोलकर आवागमन को सुगम बनाने की मांग की है। जनता समाजवादी पार्टी के नेता रेवंत झा, अनिल सिंह, गौर नगरपालिका के मेयर अजय गुप्ता के साथ नागरिक समाज के अध्यक्ष जगरनाथ चौधरी ने बॉर्डर खोले जाने पर शहीद द्वार के पास खुशी का इजहार करते हुए कहा कि नेपाल-भारत के बीच रोटी-बेटी का संबंध है। इसको लेकर बॉर्डर को खोलने की मांग को लेकर गौर भंसार कार्यालय के समीप लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे थे।
 उसी के परिणामस्वरूप बॉर्डर को सरकार ने खोलने का आदेश दिया है। नेपाली नेताओं ने कहा कि अब भारत सरकार भी बैरगनिया की ओर से बॉर्डर को खोलने का आदेश दे तभी दोनों देश के नागरिकों का आवागमन सुगम हो सकेगा। इस बाबत पूछे जाने पर रौतहट के डीएम इंद्रदेव यादव ने बताया कि गृह मंत्रालय से कुछ शर्त के साथ बॉर्डर को खोला गया है। जिसमें वाहनों का परिचालन नहीं होगा। लेकिन, शव वाहन, एंबुलेंस, शादी वाले वाहनों को आने-जाने की इजाजत होगी। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर बॉर्डर को फिलहाल पैदल आवागमन के लिए खोला गया है।
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