मार्च के बाद पहली बार खुला भारत-नेपाल सीमा का गौर-बैरगनिया बॉर्डर, 16 दिन से चल रहा था धरना-प्रदर्शन
Sitamarhi News नेपाल की सिविल सोसाइटी के दबाव में गुरुवार से खोला गया बॉर्डर सिविल सोसाइटी नेपाल का 16 दिन से बॉर्डर पर चल रहा था धरना-प्रदर्शन। जिसमें वाहनों का परिचालन नहीं होगा सिर्फ पैदल आवाजाही और शवों को ले जाने की इजाजत।
सीतामढ़ी, जेएनएन। कोरोना काल से सील चल रहा भारत-नेपाल बॉर्डर गुरुवार को नेपाल की ओर से एक स्थान पर खोल दिया गया मगर, भारत ने अभी कोई घोषणा नहीं की है। भारतीय क्षेत्र में एसएसबी व कस्टम के अधिकारी से लेकर तमाम व्यवसायी व आम लोग सभी ऊहापोह में ही हैं। दुनियाभर में फैले नोवेल कोरोना वायरस के मद्देनजर पिछले 24 मार्च से ही भारत-नेपाल सीमा के गौर- बैरगनिया बॉर्डर समेत सभी बॉर्डर सील है तथा हाईअलर्ट घोषित है। इंडो-नेपाल का गौर बॉर्डर नेपाल की सिविल सोसाइटी के दबाव में खोल दिया गया।
सिविल सोसाइटी इस बॉर्डर को खोलने के लिए पिछले 16 दिनों से लगातार धरना-प्रदर्शन कर रही थी। यह बॉर्डर खुलने के बाद भी उधर के लोग भारतीय सीमा क्षेत्र में आसानी से प्रवेश नहीं कर पाएंगे। चर्चा थी कि खुलने वाली सीमाओं में सीतामढ़ी से जुड़े पांच बॉर्डर सोनबरसा, भिट्ठामोड़, बैरगनिया, सूरसंड, मेजरगंज भी शामिल हैं मगर उनके बारे में भारतीय प्रशासन की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि गृहमंत्रालय से इस तरह की कोई सूचना नहीं मिल पाई है। न कोई चिट्ठी या आदेश ही आया है। भारत से नेपाल और नेपाल से भारत के आवागमन पर अब भी पाबंदी है।