मुजफ्फरपुर के खादी महोत्सव में जुटेंगे भारत-नेपाल के गांधी चिंतक

मुजफ्फरपुर जिला खादी ग्रामोद्योग संघ के मंत्री बीरेंद्र कुमार ने बताया कि महोत्सव दो सत्र में होगा। पहले सत्र में विचार गोष्ठी खादी स्मारिका का विमोचन और खादी के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को खादी-गांधी सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 09:42 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 09:42 AM (IST)
मुजफ्फरपुर के खादी महोत्सव में जुटेंगे भारत-नेपाल के गांधी चिंतक
बिहार खादी ग्रामोद्योग संघ की 66वीं वर्षगांठ पर हो रहा आयोजन। फोटो- जागरण

मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र त‍िवारी ]। खादी महोत्सव में जुटेंगे नेपाल-भारत के खादी प्रेमी। आयोजन की तैयारी की जानकारी देते हुए बिहार खादी ग्रामोद्योग संघ मातृ संस्था के अध्यक्ष अभय चौधरी ने बताया कि आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली मातृ संस्था बिहार खादी ग्रामोद्योग संघ अपनी स्थापना की 66 वीं वर्षगांठ 20अक्टूबर को खादी महोत्सव के रूप में मना रही है। उन्होंने बताया कि महोत्सव दो सत्र में आयोजित होगी। पहले सत्र में विचार गोष्ठी , खादी स्मारिका का विमोचन और खादी के क्षेत्र में काम करने वाले लोगो को खादी गाँधी सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।

अलग-अलग जगह से आएंगे प्रतिनिधि

इस मौके पर खादी समागम का आयोजन होगा जिसमें बिहार के साथ देश के प्रमुख खादी संस्थाओं के प्रतिनिधियों का समागम होगा। समागम में मुख्य रूप से झारखंड, पंजाब , हिमाचल प्रदेश, नई दिल्ली, असोम , श्रीनगर, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश से संस्थाओं के प्रतिनिधि आयेंगे। अपना विचार रखेंगे।

आजादी आंदोलन में खादी का योगदान

अध्यक्ष चौधरी ने बताया कि महात्मा गाँधी ने मुजफ्फरपुर की पावन धरती पर खादी की नींव डाली थी। गाँधी जी ने कहा था कि खादी वस्त्र ही नहीं विचार है। खादी अन्दोलन मुजफ्फरपुर से धीरे-धीरे पूरे देश में मजबूत हुआ। आजादी के आन्दोलन में खादी कार्यकर्ताओं को भारी यातना का सामना करना पड़ा, कई लोग जेल भी गये। चर्खा संघ के प्रधान कार्यालय, मधुबनी, दलसिंहसराय, और सिमरी को जला दिया गया। खादी आन्दोलन में गाँधी के साथ-साथ प्रथम राष्ट्रपति डा राजेन्द्र प्रसाद, पंडित भूरामल शर्मा,लक्ष्मीनारायण, ध्वजा प्रसाद साहू, रामदेव ठाकुर, गोपाल जी झा शास्त्री, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, एवं बहन प्रभावती जी जैसे महान विभूतियों ने खादी आन्दोलन को गति दी इन विभूतियों के संरक्षण व सहयोग से मुजफ्फरपुर से ही पूरे भारतवर्ष में खादी ग्रामोद्योग की गतिविधि मजबूत हुई।

1919 में इसकी शुरुआत 

बिहार में खादी ग्रामोद्योग का प्रारंभ सन1919 में हुआ। खादी आन्दोलन के व्यवस्थित संचालन के लिए सन् 1922 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी ने खादी विभाग का निर्माण किया। दिसम्बर 1925 ई0 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के पटना अधिवेशन के प्रस्तावानुसार अखिल भारत चरखा संघ की स्थापना हुई। डा0 राजेन्द्र प्रसाद अखिल भारत चरखा संघ, बिहार शाखा के एजेंट तथा लक्ष्मीनारायण मंत्री नियुक्त हुए 7 इस प्रकार 1925 ई0 से लेकर मार्च 1947 तक बिहार में खादी का काम अखिल भारत चरखा संघ , बिहार शाखा के तत्वाधान में चलता रहा 7 सन् 1944 में जब गाँधी जी कारावास से मुक्त हुए, तो खादी को एक नई दिशा प्रदान करने के लिए उन्होंने अखिल भारत चरखा संघ के समक्ष खादी कार्य के विकेन्द्रीकरण की योजना प्रस्तुत की । कालक्रम में 1955 से खादी कार्यकर्ताओं को एकजुट कर बिहार खादी ग्रामोद्योग संघ खादी व ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है।

महोत्सव में भारत व नेपाल की होगी भागीदारी

उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन, भूमि सुधार व राजस्व मंत्री राम सूरत राय, गन्ना एवं कानून मंत्री प्रमोद कुमार, सांसद अजय निषाद, सांसद वीणा देवी, पूर्व मंत्री प्रेम कुमार, सुरेश कुमार शर्मा, विधायक विजेन्द्र चौधरी, विधायक इसराइल मंसूरी, विधायक पंकज कुमार मिश्रा, विधायक निरंजन राय, पूर्व विधायक उदय शंकर सिंह उफऱ् चुन्ना सिंह पूर्व विधायक, पूर्व विधायक ब्रजकिशोर सिंह , गांधीवादी चिंतक एवं पूर्व मंत्री, खादी व ग्रामोद्योग आयोग के सदस्य मनोज सिंह, खादी और ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक डा.हनीफ मेवाती, बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी डा अशोक कुमार सिन्हा मुख्य रूप से शामिल होंगे। पड़ोसी नेपाल से पूर्व मंत्री अजय चौरसिया, पूर्व मंत्री राम सिंह यादव, नेपाल सहयोग मंच अध्यक्ष अशोक वैध, गांधीवादी चिंतक चन्द्र किशोर, वरिष्ठ पत्रकार ब्रजकिशोर यादव, मीडिया फार बार्डर हार्मोनी नेपाल के अध्यक्ष अनिल तिवारी, महासचिव रितेश त्रिपाठी, उपाध्यक्ष राम सर्राफ, वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश खनाल मुख्य रूप से शामिल हो रहे है।

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