West Champaran: पिपरासी में गंडक का जलस्तर सामान्य, पीपी तटबंध पूरी तरह से सुरक्षित, लोगों की मिली राहत

गंडक का जलस्तर सामान्य होने के बाद अभियंताओं की टीम ने महत्वपूर्ण ङ्क्षबदुओं का जायजा लिया। सभी बिंदु सुरक्षित पाए गए । जल संसाधन विभाग गोपालगंज के मुख्य अभियंता प्रकाश दास ने बताया कि बांध सुरक्षित हैं ।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 03:28 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 03:28 PM (IST)
West Champaran: पिपरासी में गंडक का जलस्तर सामान्य, पीपी तटबंध पूरी तरह से सुरक्षित, लोगों की मिली राहत
पश्‍च‍िम चंपारण में नदी का जायजा लेती एक्‍सपर्ट टीम। जागरण

पश्चिम चंपारण, जासं। पिपरा-पिपरासी तटबंध पर 0 से 35 किमी तथा जीएच प्रभाग पूरी तरह से सुरक्षित है। बीते दिनों हुई तेज बारिश के दौरान गंडक नदी का जलस्तर बढ़कर 4.5 लाख क्यूसेक तक पहुुंच गया था। बता दें कि अभियंताओं की टीम लगातार बांधों की निगरानी कर रहे हैं। गंडक का जलस्तर सामान्य होने के बाद अभियंताओं की टीम ने महत्वपूर्ण बिंदुओं का जायजा लिया।

सभी बिंदु सुरक्षित पाए गए। जल संसाधन विभाग गोपालगंज के मुख्य अभियंता प्रकाश दास ने बताया कि बांध सुरक्षित हैं। अभियंता दिन-रात कैंप कर रहे हैं। बांध की सतत निगरानी की जा रही। लापरवाही बरतने वाले अभियंताओं को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी। तटबंध पर प्रति किलोमीटर एक मजदूर की नियुक्ति भी होमगार्ड के स्थान पर सरकार के निर्देश पर की जा चुकी है। अति संवेदनशील बिंदुओं पर पर्याप्त रोशनी के लिए जेनरेटर की व्यवस्था की गई है। अभियंता ने बताया कि सभी कटावरोधी कार्य सुरक्षित हैं। फ्लड फाइङ्क्षटग के लिए आवश्यक सामग्री का स्टोर किया गया है। अब जल स्तर सामान्य हो गया है।

अब बीमारियों के पांव पसारने से दिक्कत

गन्ने की फसल पानी में डूबी, किसान परेशानगोबद्र्धना, संवादसूत्र: रामनगर प्रखंड के दो दर्जन गांवों में बाढ़ के बाद कीचड़ और फिसलन से पीछा नहीं छूटा है। घरों के भीतर भी कीचड़ पसरा है। बाढ़ का पानी तो बाहर निकल चुका है। लेकिन दलदल की वजह से ग्रामीणों को आज तक भोजन पकाने और सोने की समस्या है।

दोन का चंपापुर, सेमरहनी, रघिया, सपही पंचायत के चूडीहरवा, बगही सखुआनी पंचायत के बंगलहवा टोला, डुमरी, संतपुर आदि गांवों के ज्यादातर किसानों की धान की फसलों में बाढ़ का पानी और बालू घुस गया है। पानी के तेज बहाव से इधर बड़े भूभाग में गन्ने की फसलें गिर गई है।

प्रकाश मिश्रा ने बताया कि बैरिया बरवा आदि गांवों की सरेह में बाढ़ ने अपना भयंकर कहर ढाया है। हमने काफी मशक्कत से गन्ने की फसलों को बड़ा किया था। जो अब बाढ़ के पानी की वजह से जमीन पकड़ चुकी है। बंगलहवा टोला के बली मांझी, शंकर मांझी, भागीरथी मांझी, चंद्र मांझी ने बताया कि इस गांव के भीतर में दलदल हो गई है। इस वजह से घरों और बाहर दोनों जगह परेशानी व्याप्त है। यहां के ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ के बाद मच्छरों का आतंक बढ़ गया है। कीचड़ की वजह से अनेक प्रकार के कीट निकल रहे है। गांव में आजकल अधिकांश घरों के सदस्य बुखार और सर्दी, खांसी से पीडि़त होने लगे है। इस संबंध में गुदगुदी पंचायत के किसान प्यारेलाल यादव ने बताया कि हरिहरपुर, नवका टोला, सिसवाडीह की जो बस्तियां बाढ़ प्रभावित हैं। इसके आसपास की सरेह में मसान नदी का बालू भर गया है। इस कारण इन गांवों की सरेहों की करीब आधी फसलें क्षतिग्रस्त हो चुकी है। प्रखंड कृषि कार्यालय की तरफ से अभी तक इन क्षति का आंकलन भी नहीं लिया गया है।

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