Seasonal Disease: मौसमी बीमारी से चार की मौत, इलाज के लिए अब तक 4800 मरीज पहुंचे SKMCH
बदले मौसम में हृदय अस्थमा रक्तचाप सांस की तकलीफ के साथ एलर्जी के मरीजों में इजाफा हुआ है। ठंड में हृदय रोगियों को विशेष एहतियात की जरूरत। इस दौरान बरतें यह सावधानी
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बदले मौसम में ठंड बढऩे के साथ हृदय, अस्थमा, रक्तचाप, सांस की तकलीफ के साथ एलर्जी के मरीजों में इजाफा होने लगा है। एसकेएमसीएच में इन बीमारियों से ग्रसित मरीज इन दिनों लगातार इलाज को पहुंच रहे हैं। गुरुवार को हृदय रोग एवं सांस से ग्रसित आठ सहित 63 मरीजों को भर्ती किया गया। वहीं रक्तचाप अधिक बढऩे से मोतिहारी के अनिल महतो (24) की मौत हो गई।
वहीं अस्थमा से पीडि़त शिवहर तरियानी की महवा देवी (70), साहेबगंज बंगरा निजामत की शांति देवी (65) एवं मीनापुर मोहनपुर की तारा देवी (48) की मौत इलाज के दौरान हो गई। ओपीडी में नए व पुराने कुल 4800 मरीज इलाज को पहुंचे।
क्या है हृदयाघात
चिकित्सकों के अनुसार ठंड के दिनों में रक्तचाप, सांस की बीमारी के साथ हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है। ठंड के दिनों में रक्त संचार की नली में सिकुडऩ आ जाती है। इससे दिल तक खून पहुंचाने वाली धमनियों में रुकावट आ जाती है। रक्त नहीं मिलने से दिल की मांसपेशियों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और दिल की मांसपेशियों की गति रुक जाती है। इस तरह दिल के दौरे से मौत हो जाती है।
क्या हैं हृदयाघात के लक्षण
इस दौरान सीने में दर्द और असहजता महसूस होती है। शरीर से पसीना निकलना एवं घबराहट भी इसके संकेत हैंै।
ठंड में बरतें सावधानी
- हृदय एवं अस्थमा के मरीज ठंड से पूर्णत: बचाव करें। गर्म कपड़े पहनें। अधिक ठंड में बाहर निकलने से परहेज करें।
- रक्तचाप एवं मधुमेह के मरीज नियमित जांच कराते हुए चिकित्सकीय परामर्श के तहत दवाओं का सेवन जारी रखें।
- बाजार के खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना जरूरी है। उल्टी-दस्त शुरू होते ही तत्काल अस्पताल पहुंच कर चिकित्सक से परामर्श लेना जरूरी है।
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