पूर्व नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने करीब सालभर बाद खुद बताई अपनी हार की वजह, जानें क्या कहा
सार्वजनिक मंच से पहली बार उन्होंने अपनी हार की वजहों की चर्चा की। कहा विकास का मास्टर प्लान तक तैयार करवाया लेकिन इसको लागू करने की राह में कई बाधाएं खड़ी की गईं। जिससे शहर जलजमाव की चपेट में आ गया। इससे आक्रोशित लोगों ने मेरे खिलाफ वोटिंग कर दी।
मुजफ्फरपुर, ऑनलाइन डेस्क। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 को संपन्न हुए अब सालभर होने को आए, लेकिन पूर्व नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा को अपनी हार का मलाल अब तक है। यूं तो चुनाव में हार के बाद उनका दर्द कई मौकों पर छलका, लेकिन इस पर खुलकर उन्होंने कभी बात नहीं की थी। सार्वजनिक मंच से पहली बार उन्होंने अपनी हार की वजहों की चर्चा की है। स्पीकर चौक स्थित अटल सभागार में भाजपा रामदयालु नगर मंडल की कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने उन कारणों के बारे में विस्तार से बताया। कहा, शहर को स्मार्ट सिटी में शामिल करवाने से लेकर इसके लिए मास्टर प्लान तक तैयार करवाया, लेकिन इसको लागू करने की राह में कई बाधाएं खड़ी की गईं। जिसकी वजह से शहर से जल निकासी संभव नहीं हो सका। जलजमाव के कारण लोगों को परेशानी से दो-चार होना पड़ा और इसका प्रभाव चुनाव परिणाम पर पड़ा।
पूर्व मंत्री ने भावुक अंदाज में कहा कि चुनाव में प्रत्याशी की भूमिका बहुत सीमित होती है। वह तो निमित मात्र होता है। हार और जीत अंतत: पार्टी और कार्यकर्ताओं की होती है। उन्होंने दावा किया कि अपने कार्यकाल में शहर के विकास की जितनी योजनाएं उन्होंने मंजूर कीं, पहले किसी ने भी नहीं की। हर वार्ड में पांच-पांच सड़कों के निर्माण की स्वीकृति दिलाई गई। बावजूद जलनिकासी की व्यवस्था नहीं होने की वजह से हमारी हार हो गई। माना कि शहर के विकास के लिए जो काम उन्होंने किए उसकी सही-सही जानकारी लोगों तक नहीं पहुंच सकी। जनता को यह नहीं बताया गया कि मास्टर प्लान में कहां बाधाएं खड़ी की जा रही हैं। वाटर ट्रिटमेंट प्लांट की चर्चा करते हुए सुरेश कुमार शर्मा ने कहा कि इस योजना के क्रियान्वयन में बाधा डाली गई। विपक्षी दल के नेताओं की मिलीभगत के कारण मास्टर प्लान की राह में रोड़े खड़े किए गए, जिससे शहर जलजमाव की चपेट में आ गया। इससे आक्रोशित लोगों ने मेरे खिलाफ वोटिंग कर दी।