पश्‍च‍िम चंपारण: वीटीआर के जंगल में गैंडे के हमले में वनपाल घायल, हाथ व पैर में लगी चोट

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के गोनौली वन क्षेत्र के कदमहिया वन कंपार्ट से सटे सरेह के पास गन्ने के खेत में डेरा जमाए एक गैंडे ने गोनौली वन क्षेत्र के प्रभारी वनपाल बृजेश पासवान पर हमला कर घायल कर दिया। उन्हें इलाज के लिए पीएचसी हरनाटांड़ में भर्ती कराया गया।

By Murari KumarEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 02:21 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 02:21 PM (IST)
पश्‍च‍िम चंपारण: वीटीआर के जंगल में गैंडे के हमले में वनपाल घायल, हाथ व पैर में लगी चोट
वीटीआर के जंगल में गैंडे के हमले में वनपाल घायल

बगहा (पश्‍च‍िम चंपारण), जासं। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के गोनौली वन क्षेत्र के कदमहिया वन कंपार्ट से सटे सरेह के पास गन्ने के खेत में डेरा जमाए एक गैंडे ने गोनौली वन क्षेत्र के प्रभारी वनपाल बृजेश पासवान पर हमला कर घायल कर दिया। उन्हें इलाज के लिए पीएचसी हरनाटांड़ में भर्ती कराया गया।

इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ. राजेन्द्र काजी ने ने बताया कि गैंडे के हमले में जख्मी वनकर्मी के दोनों हाथों व दाहिने पैर में चोट लगी है। दाहिने पैर व दाएं हाथ का एक्सरे कराया गया है। जिसमें कोई खतरे की बात नहीं है। फिर भी बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया है। गोनौली वन क्षेत्र के प्रभारी रेंजर सह प्रशिक्षु डीएफओ मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि शुक्रवार की सुबह सूचना मिली कि वन क्षेत्र के कदमहिया कंपार्ट के समीप के सरेह में एक गैंडा गन्ने के खेत में डेरा जमाए हुए है।

 जिसके भय से लोग अपने खेतों में जाने से कतरा रहे हैं। इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए उसकी निगरानी के लिए प्रभारी वनपाल बृजेश पासवान के नेतृत्व में वनरक्षी नीरज कुमार व अन्य वनकर्मियों की टीम को मौके पर भेजा गया। इस दौरान वाल्मीकिनगर से गैंडा ट्रैकर को भी बुला लिया गया था। मौके पर स्थानीय ग्रामीणों की भीड़ जमा थी। वहीं गैंडा भी उनके नजदीक पहुंच रहा था। स्थिति भांपते हुए प्रभारी वनपाल ग्रामीणों को गैंडे से दूर हटाने में लगे थे।

 इतने में गैंडे ने तेजी से दौड़ते हुए पीछे से उन पर हमला कर दिया। काफी मशक्कत व वनकर्मियों की सक्रियता के बाद उन्हें वहां से निकाला गया। हालांकि वे खतरे से बाहर हैं। प्रशिक्षु डीएफओ ने बताया कि वे स्वयं मौके पर गैंडा ट्रैकर के साथ उसकी निगरानी में लगे हैं। हालांकि इस समय गैंडा वाल्मीकिनगर वन परिक्षेत्र के दरुआबारी गांव के समीप जंगल में है। जहां टीम उसकी निगरानी में लगी है। इधर ग्रामीणों को सतर्क किया गया है कि न उस ओर न जाएं।

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