सुपौल में कोसी नदी का तटबंध टूटने से मधुबनी में बाढ़ का खतरा

कोसी नदी का पानाी तिलयुगा नदी में तेजी से गिर रहा है। अगर तिलयुगा का पानी उछला तो लौकही प्रखंड के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे। नरेंद्रपुर महादेवमठ बरूआर धनछीहा बनगामा उत्तरी एवं दक्षिणी पंचायत सहित इस क्षेत्र का मुख्य बाजार बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 12:45 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 12:45 PM (IST)
सुपौल में कोसी नदी का तटबंध टूटने से मधुबनी में बाढ़ का खतरा
करीब 40 से 50 हजार की आबादी के प्रभावित होने की आशंका है। फोटो- जागरण

मुजफ्फरपुर, जासं। सुपौल के सिकरहटा व मझारी गांव के बीच कोसी नदी का तटबंध टूटने से मधुबनी मेें बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। कोसी नदी का पानाी तिलयुगा नदी में तेजी से गिर रहा है। अगर तिलयुगा का पानी उछला तो लौकही प्रखंड के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे। नरेंद्रपुर, महादेवमठ, बरूआर, धनछीहा, बनगामा उत्तरी एवं दक्षिणी पंचायत सहित इस क्षेत्र का मुख्य बाजार बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे। करीब 40 से 50 हजार की आबादी के प्रभावित होने की आशंका है। इधर बेनीपट्टी में अधवारा समूह की धौंस, खिरोई, थुम्हानी, कोकरा व बछराजा नदी का जलस्तर बढऩे से लोगों की धड़कनें बढ़ गई हैं। बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है। प्रखंड क्षेत्र की करीब आधा दर्जन सड़कों पर खतरा मंडराने लगा है।

मधवारपुर के अंदौली में गुरुवार को सुरक्षा तटबंध का पाइलिंग ध्वस्त होने से धौंस नदी कहर बरपा रही है। यहां के एक दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में हैं। मधवापुर के साथ ही सीतामढ़ी के कई सीमावर्ती गांव भी चपेट में हैं।

आधा दर्जन से अधिक गांवों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया है।समस्तीपुर में गंगा व बूढ़ी गंडक के जलस्तर में कमी आ रही है। बागमती भी स्थिर है। वैसे जिले के 45 गांव अब भी बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि चार हजार परिवार तटबंधों पर शरण लिए हुए हैं। मुजफ्फरपुर में भी गंडक, बूढ़ी गंडक और बागमती शांत हैं। इधर नेपाल में भारी बारिश के अलर्ट के बाद पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर में गंडक किनारे के लोगों की चिंता जरूर बढ़ी है।

चोरी रोकने के लिए नाव से पहरेदारी कर रहे मोहल्ले के युवा

मुजफ्फरपुर : बाढ़ का पानी प्रवेश करने के कारण शहर के कई निचली इलाकों के लोगों ने घर छोड़कर दूसरी जगह शरण ले रखी है। ऐसे में बाढ़ प्रभावित विभिन्न इलाकों में लगातार चोरी की घटनाएं हो रही हैं। बाढ़ के पानी के कारण पुलिस की तरफ से इन इलाकों में गश्ती नहीं की जा रही। ऐसे में इलाके के लोगों ने मिलकर खुद से पहरेदारी करने का निर्णय लिया। इसके बाद मोहल्ले के आठ युवकों ने मिलकर एक समूह बनाया। सभी ने मिलकर तय किया कि रात को दो समूह में चार-चार की संख्या में अलग-अलग रूटों में नाव से पूरे इलाके की पहरेदारी करेंगे। इस पर कई के घरवालों ने मना किया, मगर युवकों ने मन बना लिया। कहा कि चोरों से निपटने को वे लोग खुद से पहरेदारी करेंगे। बता दें कि शहर के सिकंदरपुर आश्रम घाट व लकडीढाई से रंजीत, दीपक, चंदन समेत अन्य लड़के पहरेदारी करने वालों में शामिल हैं। युवकों ने बताया कि रतजगा कर नाव से पहरेदारी करते हैं। बताते चलें कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में संबंधित थानाध्यक्षों को नाव से गश्ती का वरीय अधिकारियों द्वारा निर्देश दिया गया था। थाने की तरफ से नाव पर गश्ती करने के आदेश की अनदेखी की जा रही है।

बाढ़ राहत को लेकर किया प्रदर्शन

मनियारी (मुजफ्फरपुर), संस : नगर पंचायत माधोपुर सुस्ता के वार्ड नं.9 और 10 के ग्रामीणों ने बाढ़ राहत को लेकर पानी में खड़े होकर समाजसेवी दिनेश राम के नेतृत्व प्रदर्शन किया। जरीना खातून, निर्मला देवी,रमेश्वरी देवी आदि ने बताया कि गत वर्ष भी बाढ़ राहत का पैसा नहीं मिला है। प्रखंड प्रशासन आश्वासन देता रहा, लेकिन कुछ नहीं मिला। एक सप्ताह में बाढ़ राहत नहीं मिली तो सड़क पर आंदोलन करेंगे। पंसस उमेश राज ने बताया विशुनपुर गिद्धा के बाढ़ पीडि़तों की स्थिति काफी दयनीय है। इनकी समस्या प्रखंड और नगर पंचायत के पेंच में फंसी है। दोनों जगह ग्रामीण दौड़ लगा रहे हैं, मगर समस्या जस की तस है।

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