Bihar flood 2020 : मिथिलांचल में बाढ़ का कहर बरकरार, विभिन्न स्थानों पर डूबने से आठ लोगों की मौत
Bihar flood 2020 समस्तीपुर -दरभंगा रेलखंड पर 17 वें दिन भी ट्रेन परिचालन ठप रहा। पश्चिम चंपारण पूर्वी चंपारण सीतामढ़ी शिवहर और मुजफ्फरपुर में पानी घटने से राहत।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। उत्तर बिहार में रविवार को हल्की बारिश और कड़ी धूप के बीच नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी रहा। मिथिलांचल के मधुबनी, समस्तीपुर और दरभंगा जिले के दर्जनों गांवों में बाढ़ का कहर जारी रहा। दरभंगा शहर के कई मोहल्ले भी बाढ़ की चपेट में हैं।
जल संसाधन मंत्री संजय झा ने दरभंगा जिले के तारडीह में कमला नदी के पश्चिमी तटबंध का जायजा लेने के बाद अभियंताओं को कई निर्देश दिए। इसके बाद मधुबनी में पश्चिमी कोशी नहर पर बने ब्रिज ऑफ फॉल समेत कई नहरों का भी निरीक्षण किया। समस्तीपुर जिले के मोरवा प्रखंड क्षेत्र में बांध विहीन नून नदी के पानी से लोग परेशान हैं। ङ्क्षसघिया प्रखंड में करेह नदी के पश्चिमी तटबंध पर तैनात होमगार्ड जवान निरंजन प्रसाद सिंह ( 50) की तबीयत बिगडऩे के बाद मौत हो गई। समस्तीपुर -दरभंगा रेलखंड पर 17 वें दिन भी ट्रेन परिचालन ठप रहा। पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर और मुजफ्फरपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पानी घटने से राहत है। बाढ़ के पानी में डूबने से आठ लोगों की मौत हो गई। इसमें पश्चिम चंपारण के चार, पूर्वी चंपारण के दो, मधुबनी और दरभंगा के एक -एक लोग हैं।
बहेड़ा-बलनी मुख्य पथ की मरम्मत का काम अंतिम दौर में
बाढ़ में क्षतिग्रस्त बहेडा-बलनी मुख्य पथ की मरम्मत का काम अंतिम दौर में है। रविवार से इस मार्ग पर वाहनों का आवागमन शुरू हो गया है। भीषण बाढ़ के कारण इस मुख्य पथ में बलनी गांव के समीप दो जगहों पर पथ बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। इस कारण बलनी गांव सहित आधा दर्जन से अधिक गांव के लोगों को आवागमन इस पथ पर पिछले 10 दिनों से ठप था। बाइक, साइकिल, ऑटो, जीप, कार सहित अन्य वाहन इस पथ पर नहीं चल रहे थे। स्थानीय लोगों ने इस बात की सूचना शुक्रवार को विधायक सुनील चौधरी को दी। विधायक ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंताओं को स्थल पर जाकर अविलंब बाढ़ से क्षतिग्रस्त पथ का मरम्मत कराकर आवागमन चालू कराने का कड़ा निर्देश दिया। इसके बाद उक्त विभाग के कार्यपालक अभियंता सुधीर कुमार ने स्थल पर पहुंचकर ठेकेदार सुमनजी झा के माध्यम से युद्ध स्तर पर पथ के क्षतिग्रस्त भागों का मरम्मत का कार्य कराना शुरू कर दिया है।