पश्चिम चंपारण में बाढ़ ने मचाई तबाही, पीडि़तों में नहीं बटा प्लास्टिक किट

प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने नहीं लिया बाढ़ पीडि़त की सुध ग्रामीण व मवेशियों को नहीं मिला भोजन जिलाधिकारी के निर्देश देने के बावजूद भी स्थानीय प्रशासन इनके प्रति उदासीन है। सुबह से ही ग्रामीण भूखे हैं और अपनी जान माल को सुरक्षित स्थान पर ले जा रहे हैं।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 03:36 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 03:36 PM (IST)
पश्चिम चंपारण में बाढ़ ने मचाई तबाही, पीडि़तों में नहीं बटा प्लास्टिक किट
पश्‍च‍िम चंपारण के र‍िहायसी इलाके मेें घुसा बाढ़़ का पानी। जागरण

पश्चिम चंपारण, जासं। धनहा में लगातार बारिश से मधुबनी प्रखंड के चिउरही पंचायत में बाढ़ ने तबाही मचा दी है।बाढ़ पीडि़तों को अभी तक प्रशासनिक स्तर से कोई भी सुविधा नहीं मिली है। ग्रामीण अपना आशियाना बनाने में जुटे हैं। जिलाधिकारी के लाख निर्देश देने के बावजूद भी स्थानीय प्रशासन इनके प्रति उदासीन है। सुबह से ही ग्रामीण भूखे हैं और अपनी जान माल को सुरक्षित स्थान पर ले जा रहे हैं।जबकि जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया है बाढ़ वाले क्षेत्रों में नाव और नाविकों की व्यवस्था और उनकी जान माल की सुरक्षा करना प्रथम दायित्व है। उसके बावजूद भी अभी तक कोई भी प्रशासनिक आमला इनकी सुध नहीं ले रहा हैं।

बाढ़ पीडि़त ग्रामीण विश्वनाथ यादव,नरङ्क्षसह यादव,गमहा नुनिया,बंधु यादव आदि लोगों का आरोप है कि हम पीडि़त हर साल ऐसे ही बाढ़ से तबाह हो जाते हैं। उसके बाद भी कोई सरकारी सुविधा नहीं मिलती है। अभी तक इस टोले पर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं आया है,और नहीं हम लोगों को प्लास्टिक किट मिला है और नहीं भोजन की व्यवस्था की गई है।

बाढ़ पीडि़तों का जाना हाल, दिया आश्वासन

क्षेत्र में मानसून पूर्व ही शुरू हुई बरसात के कारण जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। शहर से लेकर गांव तक सभी इलाके पानी से लबालब भर चुके हैं । लोगों के घरों में भी पानी घुस गया है। जिससे गरीब और असहाय लोगों का जीना दूभर हो गया है। सबकी नजरें प्रशासन की तरफ लगी हुई है।

यमुनापुर टड़वलिया पंचायत के जयनगर गांव के दलित बस्ती में लोगों की घरों में पानी घुस गया है। सूचना के बाद समाजसेवी उपेंद्र दीक्षित दलित बस्ती में पहुंचे और गरीबों का हाल जाना। दलितों को यह आश्वासन दिया कि एक भी व्यक्ति राशन के अभाव में भूखा नहीं मरेगा। अगर प्रशासन मदद नहीं करता है तो वह खुद से जितना हो सकेगा। मदद करेंगे। इस दौरान समाजसेवी के साथ शंभू राम, इंद्रासन राम, राजू प्रजापति,लालचंद राम के अलावा साथ दर्जनों पीडि़त व स्थानीय नागरिक मौजूद रहे।

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