कोरोना की तीसरी लहर से जंग के लिए मुजफ्फरपुर के पांच अस्पताल चयनित

सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने बताया कि जीएनएम एएनएम चिकित्सक के साथ एंबुलेंस कर्मियों व अन्य को बारी-बारी से प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के साथ अस्पताल का भी चयन किया गया है। जिला मुख्यालय के पांच अस्पतालों में इलाज के लिए 530 बेड तैयार रहेगा।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Tue, 13 Jul 2021 01:19 PM (IST) Updated:Tue, 13 Jul 2021 01:19 PM (IST)
कोरोना की तीसरी लहर से जंग के लिए मुजफ्फरपुर के पांच अस्पताल चयनित
जिला मुख्यालय के पांच अस्पतालों में इलाज के लिए 530 बेड तैयार रहेगा।

मुजफ्फरपुर, जासं। कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। बीमार लोगों के बचाव में उतरने वाली टीम के प्रशिक्षण की शुरुआत सोमवार की गई। सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने बताया कि जीएनएम, एएनएम, चिकित्सक के साथ एंबुलेंस कर्मियों व अन्य को बारी-बारी से प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के साथ अस्पताल का भी चयन किया गया है। जिला मुख्यालय के पांच अस्पतालों में इलाज के लिए 530 बेड तैयार रहेगा। 

प्रत्येक पीएचसी के तीन डाक्टरों को प्रशिक्षण

केयर इंडिया के समन्वयक सौरभ तिवारी ने कहा कि तीसरी लहर की संभावनाओं के बीच बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर विभाग गंभीर है। प्रत्येक पीएचसी से तीन डाक्टरों को बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि जब बच्चे कोविड से संक्रमित हो जाएं तो उनकी स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। एसओपी में कहा ही गया है कि तीसरी लहर आने पर प्रत्येक मरीज को स्टेबल करने पर ही उसे अन्य कहीं रेफर किया जाय। पहले चरण में जीएनएम व दूसरे चरण में प्रत्येक प्रखंड से नौ एनएनएम तथा तीन डाक्टरों को प्रशिक्षित किया जाएगा। हर पीएचसी में दस बेड का पीआइसीयू होगा, जिसमें आक्सीजन कंसंट्रेटर, आक्सीजन सिलेंडर तथा सक्सेसर मशीन तैयार रहेगी। गाइडलाइन के हिसाब से दवाएं रहेंगी।

मरीजों के आधार पर बढ़ेगी अस्पताल की संख्या

तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। पहले चरण में पांच अस्पतालों का चयन किया गया है। सीएस ने बताया कि ग्लोकल में 30 बेड, अल्पसंख्यक छात्रावास में सौ बेड, सदर अस्पताल के एमसीएच में 50 बेड, एसकेएमसीएच में सौ बेड तथा बीबी कालेजियट परिसर में 250 बेड का अस्पताल काम करेगा। यहां पर गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज होगा। अभी सारी तैयारी रहेगी। जब जरूरत होगी वहां पर रोस्टर बनाकर चिकित्सक व पारा मेडिकल की सेवा शुरू कर दी जाएगी। मरीज की संख्या के हिसाब से अस्पताल की संख्या बढ़ेगी।  

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