मुजफ्फरपुर के चंदवारा में चार करोड़ की लागत से बनेगा पांच मंजिल का फायर स्टेशन

सरकार ने मंजूरी देकर पुलिस भवन निर्माण विभाग को दिया निर्माण का जिम्मा चार माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं। टेंडर नहीं होने से फायर स्टेशन निर्माण का कार्य ठंडे बस्ते में। प्रस्ताव पर सरकार ने मंजूरी दी। पुलिस भवन निर्माण विभाग को बनाने का आदेश दिया गया है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 05:31 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 05:31 PM (IST)
मुजफ्फरपुर के चंदवारा में चार करोड़ की लागत से बनेगा पांच मंजिल का फायर स्टेशन
मुजफ्फरपुर में फायर स्‍टेशन बनने तुरंंत म‍िलेगी सुव‍िधा। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

मुजफ्फरपुर, जासं। उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के चंदवारा में चार करोड़ की लागत से पांच मंजिल का फायर स्टेशन बनेगा। फायर आफिसर के प्रस्ताव पर सरकार ने मंजूरी देकर पुलिस भवन निर्माण विभाग को बनाने का आदेश दिया है। सरकार के आदेश दिए चार महीने बीत गए, लेकिन अभी तक निर्माण की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही और न ही इसका टेंडर निकाला गया। अग्निशमन पदाधिकारी संतोष कुमार पांडेय बताते हैं कि पांच मंजिला भवन के नीचे ग्राउंड फ्लोर में अग्निशमन वाहन लगाने की व्यवस्था होगी। पहली मंजिल पर कार्यालय स्थापित किया जाएगा। उसके ऊपर वाली मंजिल पर पदाधिकारी और सिपाही का आवास निर्माण कराया जाएगा।

फायर स्टेशन में बनेगा पार्क

जर्जर फायर स्टेशन के सभी भवनों को तोड़कर आकर्षक बनाया जाएगा। महिला, पुरुष जवानों और अधिकारियों के रहने के लिए अलग-अलग भवनों का निर्माण होगा। अभी जिस जर्जर छत के नीचे फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां खड़ी की जाती हैं वहां पार्क बनेगा। यहां फूल-पौधों के बीच आनंद लें सकेंगे।

105 अग्निक को अलग से बैरक

फायर स्टेशन में 105 अग्निक के लिए अलग से बैरक होगी। महिला व पुरुष का डुप्लेक्शन भवन होगा। महिला सिपाहियों को रहने के लिए 35 कमरों की अलग बैरक बनेगी। डिविजनल फायर आफिसर, सहायक फायर आफिसर व अग्निशमन पदाधिकारी का कार्यालय बनेगा तथा तीनों आफिसरों के अलग से आवास बनाए जाएंगे। आधुनिक तरीके का पंप हाउस बनाया जाएगा। इससे पानी भरने में सुविधा होगी।

वर्तमान में व्यवस्था का घोर अभाव

जिला अग्निशमन विभाग का चंदवारा स्थित कार्यालय जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। अंग्रेजों के जमाने के बने भवन में कार्यालय चल रहा है। न सिपाहियों को सही से रहने की व्यवस्था है और न अधिकारियों को। संसाधन के अभाव में कार्यालय में फाइलों से लेकर अग्निशमन संबंधित दस्तावेज रखने की भी परेशानी से कर्मियों को जूझना पड़ता है। अग्निशमन वाहन रखने की समुचित व्यवस्था नहीं रहने से इन्हें धूप-बरसात में खुले आसमान के नीचे रखा जाता है। व्यवस्था का आलम यह है कि कर्मियों के लिए किचन व बाथरूम तक नहीं है।

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