श्रीबाबू ने बिहार के विकास की योजनाओं को केंद्र में रखकर किया था आंदोलन का नेतृत्व

महान स्वतंत्रता सेनानी आधुनिक बिहार के निर्माता व बिहार के पहले मुख्यमंत्री बिहार केसरी डा.श्रीकृष्ण सिंह की 136वीं जयंती पर जगह-जगह समारोह का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 01:13 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 01:13 AM (IST)
श्रीबाबू ने बिहार के विकास की योजनाओं को केंद्र में रखकर किया था आंदोलन का नेतृत्व
श्रीबाबू ने बिहार के विकास की योजनाओं को केंद्र में रखकर किया था आंदोलन का नेतृत्व

मुजफ्फरपुर : महान स्वतंत्रता सेनानी आधुनिक बिहार के निर्माता व बिहार के पहले मुख्यमंत्री बिहार केसरी डा.श्रीकृष्ण सिंह की 136वीं जयंती पर जगह-जगह समारोह का आयोजन किया गया। उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण व श्रद्धासुमन अर्पित कर लोगों ने उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। वक्ताओं ने कहा कि श्रीबाबू ने आजादी के पूर्व से ही बिहार के विकास की योजनाओं को ध्यान में रखकर आंदोलन का नेतृत्व किया। वे कृषि, शैक्षणिक और सामाजिक क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया। कुरीतियों को मिटाने में अहम भूमिका निभाई। इसका परिणाम है कि समाज में समरसता और भाईचारा का माहौल कायम है। जिला कांग्रेस कमेटी के तिलक मैदान स्थित सभागार में समारोह का आयोजन किया गया। अध्यक्षता वरिष्ठ कांग्रेसी उमाशंकर सिंह ने की। कहा कि श्रीबाबू के बताए मार्ग पर चलते हुए ही सुंदर बिहार की कल्पना को साकार किया जा सकता है। मौके पर जिला मुख्य प्रवक्ता वेद प्रकाश, पं.मधुसूदन झा, कुणाल सहाय, सविता श्रीवास्तव, विकास कुमार टुल्लू, सज्जाद अहमद, इंद्रमोहन शाही, विनोद चौधरी, चंद्रशेखर कुमार, मो.सादिक अली, ऋषिकेश कुमार, हरेंद्र कुमार, मो.यूनुस अंसारी समेत अन्य शामिल थे। गन्नीपुर स्थित श्रीकृष्ण जुबली ला कालेज में समारोह का आयोजन किया गया। इसमें अध्यक्ष डा.एसके मिश्रा, सचिव उज्जवला मिश्रा, निदेशक डा.जयंत कुमार, प्राचार्य डा.केकेएन तिवारी, उप प्राचार्य डा.ब्रजमोहन, डा.एसपी चौधरी, प्रो.पंकज कुमार, डा.सीएस आजाद आदि ने मुख्य रूप से भूमिका निभाई। भूमिहार ब्राह्मण सामाजिक फ्रंट की ओर से बीबीगंज स्थित पूर्व मंत्री अजीत कुमार के आवास पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता डा.अरुण कुमार ने की। मौके पर धर्मवीर शुक्ला, पीएन सिंह आजाद, सीपी सिंह ,लक्ष्मी नारायण सिंह, शंभू शरण ठाकुर, सुरेश प्रसाद सिंह, रणधीर कुमार आदि थे। अखिल भारत अनुसूचित जाति परिषद की ओर से श्रद्धांजलि सभा में उमेश कुमार राम, रामनवमी प्र.ठाकुर, शशिकान्त तिवारी, मो.इस्तेयाक अंजुम, अनिता देवी, शिवम कुमार आदि थे। ब्रह्मर्षि यदुवंशी समन्वय समिति की ओर से कार्यक्रम में पूर्व कुलपति प्रो.एएन यादव ने कहा कि श्रीबाबू दूर²ष्टा थे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डा.हरेंद्र कुमार, डा.विरेंद्र किशोर, संयोजक संजीव चौधरी आदि ने भूमिका निभाई। ब्रह्मर्षि परिषद बिहार की ओर से गोबरसही स्थित कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अध्यक्षता अध्यक्ष उदयशंकर प्र.सिंह ने की। कहा कि श्रीबाबू आधुनिक भारत के निर्माता थे। वे समरस समाज के पक्षधर थे। कायक्रम में रविद्र प्र.सिंह, डा.कौशल किशोर चौधरी, महंत संजीव कु.ओझा, नवीन, सुधीर कुमार ओझा, नवल शर्मा, शशि कुमार सिंह, अवधेश कु.सिंह, सुखदेव सिंह, डा.उपेंद्र कु.सिंह, सुबोध कुमार सुदर्शन मिश्रा आदि थे।

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