मुजफ्फरपुर के पांच दर्जन भू-धारियों को अंतिम नोटिस, मुआवजा लें या राशि कोर्ट में होगी जमा
मझौली-चोरौत एनएच (एनएच 527सी) का मामला विरोध के कारण एनएच निर्माण में आ रही है बाधा। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने 31 तक का समय किया निर्धारित कार्यालय में आकर राशि लेने को कहा। कई भू-धारियों ने जमीन से संबंधित कागजात उपलब्ध नहीं कराए हैं। इस कारण भी उनका मुआवजा लंबित।
मुजफ्फरपुर, जासं। एनएच 527 सी के मझौली-चोरौत खंड में अधिग्रहित भूमि का मुआवजा नहीं लेने वाले भू-धारियों को अंतिम नोटिस भेजा गया है। बोचहां, कटरा और गायघाट अंचल से जुड़े पांच दर्जन से अधिक ऐसे भू-धारियों को 31 जुलाई को मुआवजा लेने की तिथि तय कर दी गई है। इस तिथि तक मुआवजा नहीं लेने पर यह राशि व्यवहार न्यायालय में जमा कर दी जाएगी। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी मो. उमैर की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि अधिग्रहण के बाद भी जमीन खाली नहीं किया जा रहा है। इस कारण एनएच का निर्माण कार्य बाधित है। इसे देखते हुए मुआवजा की राशि निर्धारित तिथि को कार्यालय में आकर प्राप्त कर लें। कई भू-धारियों ने जमीन से संबंधित कागजात उपलब्ध नहीं कराए हैं। इस कारण भी उनका मुआवजा लंबित है। ऐसे भू-धारियों को जमीन के कागजात लाने को कहा गया है। इसके साथ ही आपसी सहमति पत्र भी उपलब्ध कराने को कहा गया है। कागजात की कमी से मुआवजा भुगतान के लिए संबंधित भू-धारी को जिम्मेदार मानते हुए मुआवजा राशि न्यायालय में जमा कर दी जाएगी।
मालूम हो कि उक्त एनएच के निर्माण से मुजफ्फरपुर से नेपाल जाने का सीधा एवं बेहतर विकल्प मिल जाएगा। इसके निर्माण में कई तरह की बाधा सामने आ रही है। इसके अलाइनमेंट में कई धर्मस्थलों के आने से भी कार्य बाधित है। वहीं मुआवजा नहीं लेने वाले भू-धारी भी इसमें परेशानी पैदा कर रहे हैं।
निगम, नगर परिषद के अलावा सात नई नगर पंचायतों में भी कैरी बैग इस्तेमाल पर जुर्माना
मुजफ्फरपुर : निकाय क्षेत्रों में प्लास्टिक कैरी बैग पर पूर्णत: प्रतिबंध किए जाने के बाद भी अपेक्षित कार्रवाई नहीं की जा सकी। इसे लेकर नगर विकास एवं आवास विभाग ने नाराजगी जताई है। अब मासिक लक्ष्य तय कर नगर निगम, नगर परिषद समेत जिले की सात नई नगर पंचायत क्षेत्र में छापेमारी अभियान चलाए जाएंगे। इस संबंध में विभाग के संयुक्त सचिव व निदेशक अरङ्क्षवद कुमार झा ने डीएम, नगर आयुक्त एवं कार्यपालक पदाधिकारियों को पत्र भेजा है। निदेशक के पत्र के अनुसार बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से बताया गया कि कैरी बैग के प्रचलन पर रोक के लिए छापेमारी तथा जांच अभियान चलाने का निर्देश नगर विकास एवं आवास विभाग ने दिया था। इसके आलोक में निकायों में छापेमारी अभियान चलाया गया, मगर परिणाम संतोषजनक नहीं रहा। इससे कैरी बैग पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाने की योजना सफल नहीं हो पा रही। कोरोना संक्रमण की स्थिति में सुधार के बाद प्लास्टिक कैरी बैग के निकाय क्षेत्र में इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए छापेमारी अभियान तेज किया जाए। लक्ष्य तय कर जुर्माना किया जाए।