झमाझम बारिश में डूबी किसानों की अंतिम उम्मीद

जिले में बुधवार की रात से गुरुवार सुबह तक हुई झमाझम बारिश से इलाका पानी-पानी हो गया। वहीं किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। कुछ इलाकों में बाढ़ का असर कम होने के बाद किसानों ने दोबारा धान की रोपनी शुरू की थी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 01:34 AM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 01:34 AM (IST)
झमाझम बारिश में डूबी किसानों की अंतिम उम्मीद
झमाझम बारिश में डूबी किसानों की अंतिम उम्मीद

मुजफ्फरपुर। जिले में बुधवार की रात से गुरुवार सुबह तक हुई झमाझम बारिश से इलाका पानी-पानी हो गया। वहीं किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। कुछ इलाकों में बाढ़ का असर कम होने के बाद किसानों ने दोबारा धान की रोपनी शुरू की थी। निचले इलाकों में बचे बिचड़े को ऊंचाई वाली जगहों पर दोबारा रोपनी के बाद धान से लगी उम्मीदों को जिदा रखा था। लेकिन, पिछले 24 घंटे के भीतर हुई बारिश ने उनकी की इस अंतिम उम्मीद को भी पानी में डुबो दिया है। पूर्व में प्रति एकड़ 17 हजार रुपये खर्च कर किसानों ने धान की रोपनी की थी, जो बाढ़ में बर्बाद हो गई। अब प्रति एकड़ 2300 रुपये खर्च कर दोबारा धान रोपनी भी बारिश की भेंट चढ़ गई। मीनापुर के पानापुर निवासी सह सामाजिक कार्यकर्ता रवि रंजन कुमार उर्फ गुड्डू पासवान व साहेबगंज के आनंद प्रकाश ने बताया कि इस साल धान की खेती की उम्मीद ही छोड़ चुके है। अब वैकल्पिक खेती की उम्मीद ही शेष है। पूरा खेत अभी पानी में डूबा है। औराई के किसान शिव शंकर महतो ने बताया कि इस बार धान के लिए लाले पड़ेंगे। कहीं भी धान नहीं बचा है। मुशहरी के मणिका निवासी संजय कुमार ने बताया कि यह पूरा साल किसानों के लिए बर्बादी का ही साबित हुआ है। सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। वर्ष 2017 तक किसानों को फसल बीमा का लाभ मिल रहा था। वर्ष 2018 में इसे बंद कर दिया गया। हालांकि इसका मैसेज मोबाइल पर अभी आता है। बैंक जाने पर कहा जाता है कि यह केंद्र की योजना है। कहा कि यह योजना लागू रहती तो किसानों को राहत मिलती। बिहार देश का पहला राज्य है, जहां प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बंद कर दी गई है। बदले में फसल सहायता योजना शुरू की गई है। इसमें अधिकतम 20 हजार का प्रावधान है। पिछले साल आवेदन के बाद अबतक योजना का लाभ नहीं मिल सका है।

आज भी बारिश का अलर्ट : मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग ने शुक्रवार को बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी किया है। इसके तहत जिले में भारी बारिश का अनुमान है। उधर, बुधवार की रात से गुरुवार सुबह तक इलाके में जमकर बारिश हुई। पिछले 24 घंटे के भीतर कुल 28.4 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। इस माह अबतक सापेक्ष बारिश 292.7 के विरुद्ध कुल 165.2 मिमी हो चुकी है। पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहे। 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पूर्वा हवा बहती रही। अधिकतम औसत तापमान 32.0 व न्यूनतम तापमान 24.0 डिग्री सेल्सियस रहा। पिछले साल 13 अगस्त को इलाके का अधिकतम तापमान 36 और न्यूनतम 25 डिग्री रहा था।

कटरा को छोड़ सभी प्रखंडों में हुई वर्षा : जिले में पिछले 24 घंटे में जमकर बारिश हुई है। कटरा को छोड़कर सभी प्रखंडों में बारिश हुई है। मोतीपुर में सर्वाधिक 98.2 मिमी और सबसे कम सरैया में 3.0 मिमी बारिश हुई है। औराई में 6.2, बंदरा में 10.2, बोचहां में 12.8, गायघाट में 11.4, कांटी में 70.0, कटरा में 0.0 कुढ़नी में 58.8, मड़वन में 58.2, मीनापुर में 24.0, मुरौल में 35.8, मुशहरी में 27.2, पारू में 10, साहेबगंज में 5.4 व सकरा में 3.0 मिमी बारिश हुई है।

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