दरभंगा एम्स के लिए राजस्व विभाग को भेजी गई भूमि स्थानांतरण की फाइल
डीएमसीएच की 227 में से 200 एकड़ जमीन पर एम्स का होगा निर्माण। राजस्व विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद होगा शिलान्यास। भेजे गए प्रस्ताव में उन सभी 55 भवनों का उल्लेख है जो एम्स के लिए दी जानेवाली जमीन की जद में आ रहे हैं।
दरभंगा, जासं। राज्य के दूसरे एम्स की स्थापना की ओर सरकारी स्तर पर एक और कदम बढ़ गया है। दरभंगा जिला प्रशासन ने अस्पताल के लिए चिह्नित 200 एकड़ जमीन का विवरण नक्शे के साथ राजस्व विभाग को भेज दिया है। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद शिलान्यास का रास्ता साफ हो जाएगा। भेजे गए प्रस्ताव में उन सभी 55 भवनों का उल्लेख है, जो एम्स के लिए दी जानेवाली जमीन की जद में आ रहे हैं।
एम्स का निर्माण करीब 227 एकड़ वाले बड़े भूभाग में फैले डीएमसीएच परिसर की 200 एकड़ जमीन पर होगा। शेष 27 एकड़ में डीएमसीएच का अस्तित्व होगा। जमीन स्थानांतरण के प्रस्ताव के साथ जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने एम्स कीडीपीआर तैयार करते वक्त उन भवनों की उपयोगिता पर विचार करने का सुझाव दिया है, जो पहले से हैं। इन भवनों में अधीक्षक व प्राचार्य कक्ष के अलावा सेंट्रल लाइब्रेरी, ऑडिटोरियम, गेस्ट हाउस, नौ छात्रावास, एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, मेडिसिन, पैथालॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, कम्युनिटी हॉल, थर्मकोलॉजी व कैंसर विभाग के भवन के अलावा स्टेट बैंक, डाकघर, बिजली विभाग, पथ व भवन निर्माण तथा पीएचईडी के दफ्तर हैं।
1264 करोड़ से होना है निर्माण
15 सितंबर 2020 को केंद्रीय कैबिनेट ने दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निर्माण को मंजूरी दी थी। 48 महीनों में बनकर तैयार होना है। करीब 1264 करोड़ की लागत से बननेवाले एम्स में 750 बेड होंगे। 15 से 20 सुपर स्पेशियलिटी विभाग होंगे। यहां से एमबीबीएस में 100 और नॄसग में 60 सीटों पर पढ़ाई होगी। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए संबंधित प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा, ताकि सरकार की कल्याणकारी योजना त्वरित गति से आगे बढ़ सके।