कमला नदी का जलस्तर घटने से लोगों ने ली राहत की सांस

मधुबनी। कमला नदी के जलस्तर में कमी आने से बाबूबरही के लोगों ने राहत की सांस ली है। मंगलवा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 05:21 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 05:21 PM (IST)
कमला नदी का जलस्तर घटने से लोगों ने ली राहत की सांस
कमला नदी का जलस्तर घटने से लोगों ने ली राहत की सांस

मधुबनी। कमला नदी के जलस्तर में कमी आने से बाबूबरही के लोगों ने राहत की सांस ली है। मंगलवार आधी रात के बाद से कमला नदी के जलस्तर में कमी आने लगी। जलस्तर में कमी आने से सबसे ज्यादा राहत तटबंध के अंदर बसे गांव के लोगों को मिली है। बता दें कि मंगलवार की सुबह से जलस्तर में काफी तेजी से वृद्धि होने लगी थी और शाम होते-होते जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया था। बक्साही गांव की ओर बधार में नदी का पानी फैलने लगा था। नदी का पानी मधवापुर जाने वाली सड़क को छूने लगा था। तटबंध के बाहर बसे गांवों में भी लोग जलस्तर में वृद्धि से बेचैन हो गए थे। प्रशासनिक महकमा भी जलस्तर बढ़ने से चौकस हो गया था। नदी का पानी बढ़ने से तटबंध के अंदर के खेतों में लगी धान की फसल डूब गई है। लोगों ने बताया कि जिस खेत से पानी निकासी का रास्ता है, उस खेत की धान की फसलें बच जाएगी, लेकिन नए लगाए पौधे व जिन खेतों से जलनिकासी का रास्ता नहीं है उसमें लगी फसलें गल जाएगी। किसानों ने बड़ी मशक्कत के बाद खेतों में धान की फसल लगाई थी, अब उन्हें बिचड़े भी नहीं मिलेंगे। हालांकि, मंगलवार की रात से जलस्तर में कमी आने से लोगों में खुशी है। फिलहाल बाढ़ का खतरा टल गया है। नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी, बाढ़ का खतरा मंडराने से सहमे लोग मधवापुर। बीते सोमवार की रात से नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण मधवापुर प्रखंड होकर बहने वाली अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। नदियों के जलस्तर में वृद्धि से नदी किनारे बसे दर्जनों गांवों के लोग बाढ़ की पुनरावृत्ति के डर से सहमे हुए हैं। पिछले दिनों आई बाढ़ से लोग उबरे भी नहीं थे कि एक बार फिर बाढ़ का खतरा उनके सिर मंडराने लगा है। मंगलवार की सुबह से अधवारा समूह की नदियों का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि, बुधवार तक नदी ऊपर तक लबालब भर गई है, लेकिन पानी अभी बाहर फैलना शुरू नहीं हुआ है। अगर जलस्तर में वृद्धि जारी रही तो पानी कभी भी बाहर फैल सकता है। बाढ़ आई तो साहरघाट, बसवरिया, पिहवारा, उतरा, बैंगरा, सलेमपुर, बोकहा, पहिपुरा, लोमा, विशनपुर, त्रिमुहान, करहूंआ, अंदौली, पिरौखर सहित करीब दर्जनों गांव में स्थिति बिगड़ सकती है। इन गांवों के लोग अभी से ही बाढ़ की विभीषिका से निपटने की तैयारी में जुट चुके हैं। बता दें कि धौंस नदी का मधवापुर, यमुनी नदी का ब्रह्मपुरी और रातों नदी का पिरौखर में काफी तेजी से जलस्तर बढ़ रहा है। पिछले दिनों आई बाढ़ में धौंस नदी का सुरक्षा तटबंध प्रखंड के अंदौली और बसवरिया में टूटा था जिससे दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे। एक बार फिर जलस्तर बढ़ने से इन गांवों में फिर से परेशानी बढ़ सकती है। बसवरिया में टूटे तटबंध की अब तक मरम्मत शुरू नहीं हो सकी है। अंदौली में मरम्मत कार्य की गति काफी धीमी है। सीओ सुधीर कुमार ने बताया कि नदियों के जलस्तर पर प्रशासन की पैनी नजर बनी हुई है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रखंड प्रशासन अलर्ट मोड में है।

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