पहचान वाले इलाके में फीके पड़े हल्दी किसानों के रंग, पश्चिम चंपारण में जलजमाव से भारी नुकसान
पश्चिम चंपारण में जलजमाव से गन्ना ने साथ छोड़ा अब हल्दी को लेकर शुरू हुई चिंता इस साल जलजमाव की वजह से हल्दी की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। फसल बर्बाद होने से किसान काफी परेशान हैं।
पश्चिम चंपारण {अमरेन्द्र ओझा}। जिले में जगदीशपुर एवं आसपास की पंचायतों की पहचान नकदी फसलों की खेती के लिए है। यहां के किसान सब्जी के साथ -साथ बड़े हिस्से में हल्दी की खेती करते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए बागवानी मिशन ने इस क्षेत्र को हल्दी की खेती के लिए नोडल क्षेत्र घोषित किया है। हल्दी का बेहतर मूल्य मिले, इसके लिए बगल की पंचायत अमवा मझार में पैक हाउस का निर्माण भी कराया जा रहा है, जहां हल्दी की प्रोसेसिंग व पैकिंग की जानी है। किसानोंं की कंपनी बनाकर इसे संचालित किया जाना है।
किसानों को मार्केटिंग की सुविधा मुहैया कराई जानी है, लेकिन लगातार बारिश और जल जमाव के कारण इस इलाके में हल्दी की फसल ही बर्बाद हो गई है। नौतन प्रखंड के कई गांवों में हल्दी की खेती में पहचान बनाने वाले किसानों की चिंता अधिक बढ़ गई है। लगातार जलजमाव से उनकी फसल बर्बाद हो गई। जगदीशपुर पकड़िया, झखरा, जमुनिया, अमवामझार की पहचान मसाला और नकदी फसल के रूप में की होती रही है। लेकिन इस साल लगातार बारिश ने बड़े हिस्से में लगी हल्दी फसल को बर्बाद कर दिया है।
किसानों का कहना है कि मुख्य नकदी फसल गन्ना के साथ हल्दी की खेती यहां प्रमुखता से होती है। लेकिन अतिवृष्टि और जलजमाव ने उसे पूरी तरह नष्ट कर दिया। इससे जुड़े दर्जनों किसानों आर्थिक हालत बेहद खराब हो गई है। पकड़िया के किसान चंद्रमा सिंह, धनु ओझा, छौराहा के अमित कुमार, धीरेंद्र ओझा, जगदीशपुर के प्रमोद कुमार, नंदकिशोर प्रसाद जमुनिया के आनंद कुमार, वीरेन्द्र प्रसाद ने बताया कि इस साल मक्का, गन्ना के पानी में डूब जाने से काफी बर्बादी हुई। हल्दी को लेकर उम्मीद बची थी, लेकिन अब उस फसल से भी हाथ धोना पड़ा है। सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं।
15 एकड़ खेतों में लगी हल्दी फसल बर्बाद
अति बारिश व जलजमाव से किसानों के करीब 15 एकड़ हल्दी बर्बाद हो गए है। दर्जनों किसानों ने जैसे तैसे व्यवस्था कर उसकी खेती की थी। लेकिन लगातार जलजमाव से वह अंकुरित भी नहीं हो पाया। जिसके चलते किसानों की लागत भी बर्बाद हो गई। कुछ किसानों के फसल का अंकुरण भी हुआ। लेकिन वह भी लगातार पानी में डूबा रहा।
पैक हाउस संचालन में भी हल्न्दी की कमी बनेगी मुख्या समस्या
मझौलिया प्रखंड के अमवा मंझार पंचायत में किसानों ने अपनी कंपनी की शुरुआत है। हल्दी की प्रोसेसिंग, पैकिंग एवं मार्केटिंग सुनियोजित तरीके से की जानी है। इसके लिए पैक हाउस का निर्माण अंतिम चरण में है। लेकिन हल्दी के उत्पादन में होने वाली संभावित कमी का असर इसके संचालन पर भी पड़ेगा। कंपनी के सदस्य इस क्षेत्र के 50 से अधिक किसान भी हैं, जिनके समक्ष बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।