पश्चिम चंपारण में बर्बाद फसलों की मुआवजे के लिए किसानों ने उठाई आवाज

पश्‍च‍िम चंपारण में प्रदर्शन कर किसानों ने प्रशासन से जांच कर क्षति पूर्ति की मांग किसान आंधी-पानी में बर्बाद हुए फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर शुक्रवार को गोलबंद हो गए। क‍िसानों का कहना है क‍ि कोरोना की वजह से और परेशानी बढ़़ गई है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 03:45 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 03:45 PM (IST)
पश्चिम चंपारण में बर्बाद फसलों की मुआवजे के लिए किसानों ने उठाई आवाज
पश्‍च‍िम चंपारण में मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन करते क‍िसान। जागरण

 पश्‍च‍िम चंपारण, जासं। एक तरफ कोरोना महामारी का खौफ चहूओर है। वहीं किसान व आम लोग परेशान है। गुरुवार की सुबह आई तेज आंधी पानी से दर्जनों किसानी के फसल बर्बाद हुए है। इसके चलते किसानों की ङ्क्षचता बढ़ गई है। किसान आंधी-पानी में बर्बाद हुए फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर शुक्रवार को गोलबंद हो गए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। दियरावर्ती क्षेत्र श्यामपुर कोतराहा, तेल्हुआ आदि गावों के किसान शिवबालक यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष मुख्य प्रवक्ता युवा जदयू के अजय कुमार यादव, लालबाबू यादव, सूर्य बली यादव, मुन्ना राय, नागेंद्र यादव, ङ्क्षसगल दीप यादव, विश्वनाथ बैठा, द्वारिका राम, सुदामा यादव, मंगरु यादव, हङ्क्षरदर यादव, प्रदीप साह, अभिषेक कुमार आर्य आदि ने बताया कि आंधी-पानी में खेतों में खड़े गेहूं के फसल गिर गए है। मक्का का बुरा हाल हो गया। ऐसे में जिला प्रशासन को जांच कर किसानों को उचित मुआवजा देना चाहिए। ताकि कर्ज से दबे किसानों को राहत मिले।

नवलपुर बाजार में जल-जमाव, राहगीर परेशान

स्थानीय बाजार में जाने वाली मुख्य सड़क पर जल-जमाव से राहगीरों की परेशानी बढ़ गई है। आए दिन राहगीरों जल-जमाव में गिर जाते है। जिससे आवागमन करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसी परिस्थिति में स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश का माहौल है। ग्रामीण अक्षय कुमार, मदन राम, राहुल कुमार, चइनी देवी ने बताया कि जल-जमाव वाली सड़क के समीप मुखिया मोतीचंद राम का आवास है। ग्रामीण बताते हैं कि उक्त जल-जमाव के कारण उप स्वास्थ्य केंद्र में जाने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है। लोगों ने बताया कि कई बाई वार्ड सदस्य राजेश्वर ठाकुर तथा पंचायत सचिव रामाश्रय साह से इसकी शिकायत की गई। लेकिन उनके द्वारा टाल दिया जाता है। वहीं मुखिया मोतीचंद राम ने यह कह कर टाल दिया कि इसका जवाब पंचायत सचिव, वार्ड सदस्य और वार्ड सचिव ही दे सकते है। विकास की राशि उनलोगों के खाते में डाल दी गई है, बाकी उनका काम जाने क्या करेंगे क्या नहीं।

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