पश्चिम चंपारण के किसानों को फसल क्षति की राशि के लिए अभी करना होगा इंतजार

बाढ़ व अति वृष्टि से बर्बाद हुई है जिले में 39 हजार हेक्टेयर में लगी फसल। 131203 हेक्टेयर भूमि में इस वर्ष विभिन्न तरह की खरीफ फसलों का हुआ था आच्छादन। किसानों को सबसे ज्यादा बर्बादी अति वृष्टि के चलते झेलनी पड़ी है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 11:44 AM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 11:44 AM (IST)
पश्चिम चंपारण के किसानों को फसल क्षति की राशि के लिए अभी करना होगा इंतजार
जिले से भेजी गई फसल क्षति की सूची की सरकार से स्वीकृति की हो रही प्रतीक्षा।

बेतिया,जागरण संवाददाता। वैसे तो यह साल किसानों एवं आमलोगों के लिए परेशान करने वाला है। एक ओर जहां लोगों को कोविड 19 महामारी की मार झेलनी पड़ी, तो दूसरी ओर जिले के अधिकांश किसान बाढ़ एवं अति वृष्टि से प्रभावित हुए। डेढ़ दशक में यह पहल साल रहा, जिसमें किसानों को सबसे ज्यादा बर्बादी अति वृष्टि के चलते झेलनी पड़ी। महतवपूर्ण बात यह रही कि इस वर्ष बाढ़ के प्रभाव से वंचित प्रखंडों के किसानों को भी फसल बर्बादी का मुंह देखना पड़ा है। यह सब हुआ है भारी बारिश के कारण। खेतों में ऐसे समय में जल जमाव हुआ, जब धान की फसल काफी छोटी थी। बारिश के पानी में धान की फसल को ज्यादा दिनों तक डूब जाने के कारण पूरी तरह बर्बाद हो गई। यहीं स्थिति दलहन, खरीफ मक्का एवं गन्ने की फसल के साथ हुई। जिला कृषि विभाग से जो प्रभावित फसलों की रिपोर्ट सरकार को भेजी गई, उसमें जिले में कुल 39 हजार हेक्टेयर में लगी फसल बाढ़ एवं बारिश से प्रभावित होने की बात बताई गई, इसमें सर्वाधिक रकबा गन्ने की बाताई गई है। 26 हजार हेक्टेयर में लगी गन्ने की फसल पूरी तरह प्रभावित है। शेष क्षेत्र में धान, मक्का, सब्जी की फसल बर्बाद हुई है। लेकिन किसानों को फसल क्षति की राशि के लिए अभी भी इंतजार करना पड़ेगा। फसल क्षति की रिपोर्ट सरकार को भेजी गई है, उसकी स्वीकृति अब तक नहीं हुई है। इस वर्ष 131203 हेक्टेयर में खरीफ मौसम के विभिन्न फसल आछादित किए गए थे।

स्वीकृति के बाद किसानों को राशि के लिए ऑनलाइल देना होगा आवेदन

फसल क्षति के लिए जो सरकार को रिपोर्ट भेजी गई, उसकी स्वीकृति यदि मिल जाती है, तो किसानों को राशि पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। उनके द्वारा दिए गए आवेदन के आधार पर इसका सत्यापन संबंधित किसान समन्वयक द्वारा किया जाएग। फिर इसे संबंधित अंचल के सीओ के पास भेजने के बाद उसे जिला कृषि पदाधिकारी को भेजा जाएगा। इसके बाद अपर समाहर्ता के स्तर से राशि संबंधित किसान के खाते में भेज दी जाएगी। जिला कृषि पदाधिकारी विजय प्रकाश ने बताया कि सरकार के स्तर से स्वीकृति मिलने के साथ ही नियमानुसार भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

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