खेतो में धान की फसल डूबने से मधुबनी के किसान हताश, रबी की बुआई में विलंब के आसार

किसानों को धान की फसल को काट कर बाहर निकालना काफी मुश्किल हो रहा है। जबकि घाट भटरा के कृषक विमल कुमार यादव ने बताया की खेतों में लगे पानी सूखने में कम से कम तीन माह लग जाएंगे।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 05:46 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 05:46 PM (IST)
खेतो में धान की फसल डूबने से मधुबनी के किसान हताश, रबी की बुआई में विलंब के आसार
खरीफ के बाद अब रबी फसल के नुकसान की बढ़ी संभावना। फोटो- जागरण

बिस्फी(मधुबनी), जासं। हथिया नक्षत्र में हुई भारी बारिश के कारण एक तरफ किसानों के धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। वहीं दूसरी तरफ आगामी रबी फसल की बुआई में काफी विलंब होने की उम्मीद जताई जा रही है। भारी बारिश के कारण नदियों में आए उफान से धौंस नदी का पानी बिस्फी प्रखंड के मैदानी भाग में फैल गया है। जिस कारण कई पंचायतों में धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है। धान फसल की खेतों के मैदानी भाग में अभी भी घुटना भर पानी लगा हुआ है। बिस्फी, भैरवा, सिंघिया, जगवन, नूरचक, सिंघासो एवं बलहा पंचायत के खेतों में बारिश एवं धौंस नदी का पानी भर जाने से किसान काफी हतोत्साहित हैं। किसानों को धान की फसल को काट कर बाहर निकालना काफी मुश्किल हो रहा है। जबकि, घाट भटरा के कृषक विमल कुमार यादव ने बताया की खेतों में लगे पानी सूखने में कम से कम तीन माह लग जाएंगे। ऐसी परिस्थिति में रबी फसल की बुआई विलंब से होना तय माना जा रहा है।

बता दें कि बिस्फी प्रखंड क्षेत्र हर साल बाढ़ की विभीषिका झेलता आ रहा है। अधवारा समूह की धौंस नदी का कहर इस प्रखंड के लोग हर साल झेलने को मजबूर हैं। इस बार भी तीन बार नदी में उफान आई और लोगों की परेशानी बनी रही। रिहायशी इलाकों से तो अब पानी उतर चुका है, लेकिन प्रखंड के कई खेतों में अभी भी पानी जमा है। खरीफ की फसल बाढ़ की भेंट चढ़ चुकी है। धान रोपनी के समय से ही बाढ़ ने तांडव मचाना शुरू कर दिया था। अब जो स्थिति है उसमें रबी फसल की बुआई में विलंब की संभावना बन गई है। इससे किसानों की चिंता बढ़ी हुई है।  

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