West Champaran: मिश्रित खेती के लिए किसान हुए जागरूक, गन्ने के साथ लहलहा रहा मूंग

West Champaran स्थानीय अंचल सहित जिले के कई किसानों से अंतर्वर्ती खेती कराने के लिए समग्र शिक्षण और विकास संस्थान बेतिया ने एक मिशाल पेश की है। समग्र शिक्षण और विकास संस्थान बेतिया की ओर से किसानों को किया जा रहा जागरूक।

By Murari KumarEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 05:16 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 05:16 PM (IST)
West Champaran: मिश्रित खेती के लिए किसान हुए जागरूक, गन्ने के साथ लहलहा रहा मूंग
बेतिया में गन्ने के साथ लहलहा रहा मूंग।

नौतन (पश्चिम चंपारण), जासं। स्थानीय अंचल सहित जिले के कई किसानों से अंतर्वर्ती खेती कराने के लिए समग्र शिक्षण और विकास संस्थान बेतिया ने एक मिशाल पेश की है। बैकुंठवा गांव में गन्ना फसलों के साथ मूंग की खेती लहलहा रही है। संस्था के सचिव सिद्धार्थ कुमार व प्रगतिशील किसान राघोशरण प्रसाद के अथक प्रयास से किसानों का यह सपना पूरा हुआ है। आज किसान गन्ना फसलों के साथ मूंग की खेती कर उचित मुनाफा कमा रहे है। गांव के किसान राघवशरण प्रसाद, अवधेश प्रसाद, सुशील वर्मा, उमेश्वर वर्मा, जगदीशपुर पंचायत के किसान शिवजी प्रसाद, गहिरी के आनंद कुमार मिश्रा, बैरिया अंचल के बघंबरपुर के सुमन प्रसाद ने गन्ना फसलों के साथ मूंग, सब्जी की खेती कर दोहरे फसलों को तैयार किया है।

 किसान राघोशरण प्रसाद ने बताते हैं कि पर्यावरण को सही रखने के लिए ऐसे खेती जरूरी है। साथ ही दलहनी फसलों से मिट्टी में नाईट्रोजन की मात्रा में वृद्धि होती है। संस्था के कार्यकर्ता अफरोज आलम, गंगासागर ने कहा कि मूंग को मिट्टी में मिलाने से हरी खाद भी तैयार होता है, इससे मिट्टी की उर्वरा क्षमता बढ़ती है। किसानों को कम लागत व कम भूमि में अधिक उत्पादन के साथ उनकी आमदनी में बढ़ेगी। अंतर्वर्ती फसलों से संबंधित कई मिथ्या व गलत धारण को दूर करने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। वैसे गन्ना फसलों के साथ कतार में लगने वाली सब्जियां की खेती की जा सकती है, जैसे कि ङ्क्षभडी, बैंगन, मूली, शलजम, प्याज आदि की। 

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