Family Day 2021: कोरोना के इस महासंकट काल में लोगों को ऑक्सीजन दे रहे पारिवारिक मूल्य

Family Day 2021 संक्रमण की आशंका के बीच शारीरिक दूरी भले ही बढ़ गई हो लेकिन पारिवारिक और मानवीय नजदीकी बढ़ी है। कभी एकल परिवार की चाह रखने वाले आज संयुक्त परिवार की ओर लौट रहे हैं। संक्रमण के चलते पारिवारिक और मानवीय नजदीकी बढ़ी।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 11:45 AM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 11:45 AM (IST)
Family Day 2021: कोरोना के इस महासंकट काल में लोगों को ऑक्सीजन दे रहे पारिवारिक मूल्य
संक्रमण के चलते पारिवारिक और मानवीय नजदीकी बढ़ी।

समस्तीपुर, [प्रकाश कुमार]। आज पूरा देश कोरोना महामारी का सामना कर रहा है। हर दूसरा-तीसरा परिवार इस संकट को झेल रहा है। इन सबके बीच पारिवारिक मूल्यों में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। संक्रमण के इस दौर में परिवार की छाया में हर कोई सुरक्षित महसूस कर रहा है। घर में किसी को संक्रमण हो या उससे बचने की जद्दोजहद, पारिवारिक एकजुटता सहारा बन रही है। पारिवारिक मूल्य लोगों की घुटती सांस को ऑक्सीजन दे रहे हैं। समस्तीपुर कॉलेज, समस्तीपुर की मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. साधना कुमारी शर्मा का कहना है कि संक्रमण की आशंका के बीच शारीरिक दूरी भले ही बढ़ गई हो, लेकिन पारिवारिक और मानवीय नजदीकी बढ़ी है। कभी एकल परिवार की चाह रखने वाले आज संयुक्त परिवार की ओर लौट रहे हैं। अन्य राज्यों में फंसे लोग इस परिस्थिति में खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं। वह कहती हैं कि मानव की जो विशेषताएं उसे अन्य प्राणियों से अलग करती है, उनमें मुख्य है सामाजिकता एवं सामाजिकता की इकाई है परिवार। विपरीत परिस्थितियों में परिवार का महत्व बढ़ जाता है। वह इससे लडऩे की ताकत देता है। जैसा कि आज महामारी के युग में स्पष्ट हो रहा है। परिवार से प्राप्त सामाजिक, मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक एवं आॢथक संबल व्यक्ति को कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। वर्तमान में परिवार का आकार अवश्य कम हुआ है, लेकिन इसका महत्व आज भी उतना ही है।

बुजुर्ग हुईं बीमार तो साथ खड़ा रहा पूरा परिवार

शहर के प्रोफेसर कॉलोनी निवासी रतनदीप रवि उर्फ दीपू की 85 वर्षीय दादी प्रमिला देवी कोरोना से संक्रमित हो गईं। उनका पूरा परिवार उनके साथ था, लेकिन पोते ने अपना ख्याल रखते हुए 15 दिनों तक उनकी देखभाल की। समय से खाना व दवाई दी। इससे वे स्वस्थ हो गईं।

पारिवारिक मूल्य अनमोल

समस्तीपुर कॉलेज के अंग्रेजी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष सह समाजशास्त्री डॉ. प्रभात कुमार बताते हैं कि बीते वर्ष लॉकडाउन ने पारिवारिक मूल्यों को अनमोल कर दिया था। इस साल भी वैसा ही देखा जा रहा है। जो परिवार के साथ हैं, उन्हेंं समय बिताने में परेशानी नहीं हो रही है। कोरोना महामारी से लोगों को परिवार का महत्व समझ में आ गया है। संयुक्त परिवार में रहने से काफी मजबूती मिलती है। 

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